– डॉ. सौरभ मालवीय
किसी भी राष्ट्र की उन्नति के लिए आवश्यक है कि प्रधानमंत्री की बात सीधे जनता तक पहुंचे और जनता की बात सीधे उन तक तक पहुंचे। इससे दोनों के मध्य तालमेल बना रहता है। इससे जनता को पता चलता है कि प्रधानमंत्री उनके लिए क्या सोचते हैं तथा उनके लिए क्या कार्य करे रहे हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री को ज्ञात होता है कि जनता को उनसे क्या अपेक्षा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विचारों के धनी हैं। उनकी वाकपटुता अद्भुत है। उनके भाषणों में उनके इस सद्गुण को देखा जा सकता है। वह ‘मन की बात’ नामक रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न विषयों पर जनता से बात करते हैं। मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने जनता से सीधा संपर्क करने के लिए आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम प्रारम्भ किया था। प्रथम बार अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ के माध्यम से जनता को संबोधित किया गया। 30 अप्रैल को 100वां एपिसोड का महत्वपूर्ण पड़ाव है। इस कार्यक्रम की बड़ी विशेषता यह भी है कि प्रधानमंत्री ‘मन की बात’ के जरिए जनता से आग्रह करते हैं कि वे विषय भेजें। प्रधानमंत्री उन विषयों को शामिल करते हैं। लोग अपने सुझाव सोशल मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री तक पहुंचाते हैं। यह कार्यक्रम दूरदर्शन एवं आकाशवाणी द्वारा सीधा प्रसारित किया जाता है। इसे यूट्यूब पर भी देखा जा सकता है। देश के अधिकांश लोगों के पास रेडियो है। आकाशवाणी पर इस कार्यक्रम का प्रसारण होने के कारण अधिक से अधिक लोग इसे सुन पाते हैं। इसके अतिरिक्त दूरदर्शन की पहुंच भी अधिकांश जनसंख्या तक है।
संचार क्रांति के इस युग में संचार माध्यमों का उपयोग करते हुए मोदी प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। सर्व सुलभ रेडियो आज अपनी सार्थकता सिद्ध करने में सफल है। भारत का आम आदमी कहीं भी रेडियो को सुन सकता है। रेडियो बिना तार के सर्व सुलभ है। इस माध्यम से प्रधानमंत्री भारत के मन की बात करते हैं। भारत के समाज एवं जीवन की बात करते हैं। भारतीय ज्ञान परंपरा की बात करते हैं। भारतीय संस्कृति की बात करते हैं। राष्ट्रबोध का यह दर्शन ‘मन की बात’ के माध्मय से जनता को प्राप्त हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अनेक विषयों पर अपने ‘मन की बात’ जनता से साझा की है। इन विषयों में भारत की जी-20 अध्यक्षता, अंतरिक्ष में निरंतर प्रगति, वाद्य यंत्रों के निर्यात में वृद्धि, संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ्य, ड्रोन उद्योग, कौशल विकास, स्वच्छ भारत अभियान, कृषि एवं किसानों से संबंधित समस्याएं, विज्ञान से संबंधित मिशन, दिव्यांग बच्चों के लिए छात्रवृत्ति, विद्यार्थियों को परीक्षा के समय होने वाले तनाव तथा परीक्षा में सफल होने वाले बच्चों को बधाई, युवाओं से मादक पदार्थों से दूर रहने का आग्रह, योग के लाभ, कन्या भ्रूण हत्या, लड़कियों के समग्र विकास पर चर्चा, सैनिकों की सराहना, जन धन योजना एवं सरकार की अन्य विकास योजनाओं की सफलता, खिलाड़ियों की प्रशंसा एवं बधाई, प्राकृतिक आपदा आदि सम्मिलित हैं।
देश एवं समाज हित के लिए उत्कृष्ट कार्य कर रहे लोगों पर भी प्रधानमंत्री मोदी की दृष्टि है। वह उन्हें बधाई देते हुए प्रोत्साहित करते हैं तथा ‘मन की बात’ में उनका उल्लेख करके हुए प्रेरित करते हैं। नवम्बर 2022 में प्रसारित ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने कहा था-‘कोई अगर विद्या का दान कर रहा है, तो वह समाज हित में सबसे बड़ा काम कर रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में जलाया गया एक छोटा सा दीपक भी पूरे समाज को रोशन कर सकता है। मुझे यह देखकर बहुत खुशी होती है कि आज देशभर में ऐसे कई प्रयास किए जा रहे हैं। यूपी की राजधानी लखनऊ से 70-80 किलोमीटर दूर हरदोई का एक गांव है बांसा। मुझे इस गांव के जतिन ललित सिंह जी के बारे में जानकारी मिली है, जो शिक्षा की अलख जगाने में जुटे हैं। जतिन जी ने दो साल पहले यहां सामुदायिक पुस्तकालय एवं संसाधन केंद्र शुरू किया था। उनके इस केंद्र में हिंदी और अंग्रेजी साहित्य, कंप्यूटर, लॉ और कई सरकारी परीक्षाओं की तैयारियों से जुड़ी तीन हजार से अधिक किताबें मौजूद हैं।’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसी कड़ी में कहा था- ‘झारखंड के संजय कश्यप जी भी गरीब बच्चों के सपनों को नई उड़ाने दे रहे हैं। अपने विद्यार्थी जीवन में संजय जी को अच्छी पुस्तकों की कमी का सामना करना पड़ा था। ऐसे में उन्होंने ठान लिया कि किताबों की कमी से वे अपने क्षेत्र के बच्चों का भविष्य अंधकारमय नहीं होने देंगे। अपने इसी मिशन की वजह से आज वह झारखंड के कई जिलों में बच्चों के लिए ‘लाइब्रेरी मैन’ बन गए हैं। संजय जी ने जब अपनी नौकरी की शुरुआत की थी, तब उन्होंने पहला पुस्तकालय अपने पैतृक स्थान पर बनवाया था। नौकरी के दौरान उनका जहां भी ट्रांसफर होता था, वहां वे गरीब और आदिवासी बच्चों की पढ़ाई के लिए लाइब्रेरी खोलने के मिशन में जुट जाते हैं। ऐसा करते हुए उन्होंने झारखंड के कई जिलों में बच्चों के लिए लाइब्रेरी खोल दी हैं। उनका उनका यह मिशन आज एक सामाजिक आंदोलन का रूप ले रहा है। ऐसे अनेक प्रयासों के लिए मैं उनकी विशेष सराहना करता हूं।’
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अनुसार- ‘किसी भी देश समाज की विकास की प्रक्रिया में युवाओं विशेषकर विद्यार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। देश की उन्नति में, देश के नेतृत्व में और नए-नए नवाचार को सुदृढ़ करने के लिए युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।’ प्रधानमंत्री मोदी भी इस बात को भली-भांति समझते हैं। इसलिए वो देश के नवनिर्माण के लिए युवाओं से आगे आने का आह्वान करते हैं। अपने गौरवशाली अतीत, वैभवशाली भारत का परिचय प्रधानमंत्री ‘मन की बात’ में समय-समय पर लोगों को कराते हैं। उन्होंने अमृतकाल में महान स्वतंत्रता सेनानियों, तीज-त्यौहारों, भारतीय जीवन पद्धति तथा भारतीय संस्कृति से जनता का परिचय करवाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने नगालैंड का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘नगालैंड में नगा समाज की जीवनशैली, उनकी कला- संस्कृति और संगीत, ये हर किसी को आकर्षित करती है। ये हमारे देश की गौरवशाली विरासत का अहम हिस्सा है। इन परम्पराओं और स्किल को बचाकर अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए वहां के लोगों ने एक संस्था बनाई है, जिसका नाम है- ‘लिडि-क्रो-यू’। नगा संस्कृति के जो खूबसूरत आयाम धीरे-धीरे खोने लगे थे, ‘लिडि-क्रो-यू’ संस्था ने उन्हें फिर से पुनर्जीवित करने का काम किया है। इससे इन युवाओं का अपनी संस्कृति से जुड़ाव तो होता ही है, साथ ही उनके लिए रोजगार के नए-नए अवसर भी पैदा होते हैं। नगा लोक-संस्कृति के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोग जानें, इसके लिए भी लिडि-क्रो-यू के लोग प्रयास करते हैं’। आपके क्षेत्र में भी ऐसी सांस्कृतिक विधाएं और परम्पराएं होंगी। आप भी अपने-अपने क्षेत्र में इस तरह के प्रयास कर सकते हैं। अगर आपकी जानकारी में कहीं ऐसा कोई अनूठा प्रयास हो रहा है, तो आप उसकी जानकारी मेरे साथ भी जरूर साझा करिए।’
प्रधानमंत्री मोदी की देश की जनता से संपर्क स्थापित करने की इस शैलाी की चारों ओर प्रशंसा हो रही है। इस कार्यक्रम के माध्यम से वो देश के नागरिकों से राष्ट्र के विकास के लिए किए जा रहे कार्यक्रमों से जुड़ने का आह्वान करते हैं। उनका मानना है कि नागरिक इन कार्यक्रमों में भागीदारी करके देश की प्रगति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं- इस रविवार को ‘मन की बात’ का 100वां एपिसोड प्रसारित होने जा रहा है। ‘मन की बात’ की यह सेंचुरी राष्ट्र निर्माण में हर देशवासी के प्रयासों को समर्पित है। ‘एक भारत- श्रेष्ठ भारत’ की भावना को समर्पित है।
(लेखक, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल में सहायक प्राध्यापक हैं।)
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