नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानूनों (Farm laws) की वापसी की मांग को लेकर पिछले करीब ढाई महीने से किसान आंदोलन पर बैठे हैं। ये सभी किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन (Farmers protest) कर रहे हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सोमवार को राज्यसभा (Rajya sabha) में राष्ट्रपति के अभिभाषण के जवाब में किसानों के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने इस दौरान कहा कि किसान आंदोलन खत्म कर चर्चा करें। पीएम मोदी ने इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) की कुछ पंक्तियों का भी जिक्र किया।
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा, ‘मैं मनमोहन सिंह जी के एक बयान को कोट करता हूं। आदरणीय मनमोहन सिंह ने किसान को उपज बेचने की आजादी दिलाने और भारत को एक कृषि मार्केट बनाने के बारे में बोला था। आपको तो गर्व होना चाहिए कि मनमोहन जी ने कहा था- ”मोदी को करना पड़ रहा है।जिन राज्यों में विपक्ष की सरकार है वहां भी उन्होंने इसे थोड़ा थोड़ा लिया ही है। उसके बावजूद विरोध।”
इस दौरान पीएम मोदी ने यह भी कहा कि मनमोहन सिंह कृषि सुधारों के पक्ष में थे। लेकिन कांग्रेस उनकी बात तो माने। उन्होंने कहा, ‘शरद पवार जी और कांग्रेस ने हमेशा कृषि सुधार की वकालत की। कर पाए या नहीं वो अलग बात है पर इस बारे में हमेशा बयान दिए। लेकिन अचानक यू टर्न ले लिया। राजनीति के लिए हो सकता है कि ये आवश्यक हो लेकिन कम से कम किसानों को तो ये कहते कि बदलाव ज़रूरी है।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई है। ज्यादा से ज्यादा समय जो बात बताई गईं वो आंदोलन के संबंध में बताई गईं। किस बात को लेकर आंदोलन है उस पर सब मौन रहे। जो मूलभूत बात है, अच्छा होता कि उस पर भी चर्चा होती। कृषि मंत्री ने बहुत अच्छे से विस्तारपूर्वक इस पर बात की। चौधरी चरण सिंह ने छोटे किसानों का जिक्र हमेशा अपने भाषण में किया। आज 12 करोड़ छोटे किसान हैं। क्या इनके बारे में हमें कुछ नहीं सोचना, कुछ नहीं करना।’
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