नई दिल्ली (New Dehli)। बिहार(Bihar) की राजनीति में गरमाहट (warmth)के बीच एनडीए के नेताओं (leaders)में सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत (Conversation)शुरू हो गई है। इस बीच मुख्यमंत्री एवं जद (यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार के रुख को लेकर एक बार फिर राजनीतिक अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं। हालांकि, भाजपा नेता फिलहाल इसकी संभावना नकार रहे हैं, लेकिन उसके अन्य सहयोगी कोशिश में जुटे हैं। एनडीए में सीटों की शुरुआती चर्चा में लोजपा (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ‘हम’ के नेता जीतनराम मांझी व रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा की मेल-मुलाकातें काफी महत्वपूर्ण हैं। सूत्रों के अनुसार, भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव और नित्यानन्द राय बिहार में एनडीए के सहयोगी दलों से सीट बंटवारे को लेकर चर्चा कर रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो मुकेश सहनी को भी एनडीए में शामिल करने को लेकर बातचीत चल रही है। सहनी मुजफ्फरपुर सीट चाहते हैं लेकिन भाजपा उन्हें खगड़िया देना चाहती है। इस बीच राजनीतिक हलकों में खबर है कि नीतीश कुमार और भाजपा एक फिर से साथ आ सकते हैं। बिहार में ऐसी स्थिति में एनडीए के साथी दल अपने भविष्य को लेकर दुविधा में हैं। वह चाहते हैं कि सीटों का बंटवारा जल्द हो जाए।
हम की दो, कुशवाहा की चार सीटों पर दावेदारी
जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने दो लोकसभा सीटों पर अपनी दावेदारी जताई है। हालांकि, भाजपा ने उन्हें गया लोकसभा सीट और जीतनराम मांझी को राज्य सभा भेजने पर विचार करने की बात कही है। सूत्रों के अनुसार, उपेन्द्र कुशवाहा ने भाजपा के सामने चार सीटों काराकाट, जहानाबाद, सीतामढ़ी और झंझारपुर या सुपौल में से कोई भी एक सीट पर दावेदारी जताई है, जबकि भाजपा कुशवाहा को दो सीट देना चाहती है। इसके पहले 2014 में गठबंधन में उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी को तीन सीट मिली थी।
चिराग ने छह सीट मांगी
चिराग पासवान ने 2014 और 2019 की तर्ज पर भाजपा के सामने छह लोकसभा सीट और एक राज्यसभा की मांग रखी है। हालांकि, चिराग की पार्टी लोक जनशक्ति (रामविलास) को भाजपा ने तीन सीटों का प्रस्ताव दिया है। 2014 में रामविलास पासवान की अगुवाई वाली लोजपा को सात सीटें मिली थी। 2019 में छह लोकसभा और एक राज्यसभा सीट मिली थी। रामविलास पासवान के निधन के बाद चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए बिहार विधानसभा चुनाव एनडीए से अलग होकर लड़ा था।
पशुपति पारस को छह सीट की चाहत
2021 में पशुपति पारस ने लोजपा से अलग होकर नई पार्टी बना ली है। केंद्र में पशुपति पारस को रामविलास पासवान की जगह मंत्रीमंडल में शामिल किया था। अब पशुपति पारस अपनी पार्टी के लिए छह लोकसभा सीट चाहते हैं, जबकि भाजपा तीन लोकसभा सीटें या दो लोकसभा व एक राज्यसभा देना चाहती है। पशुपति पारस की पार्टी के पांच सांसद हैं।
हाजीपुर सीट पर पेच
समस्या हाजीपुर सीट को लेकर है। चिराग पासवान और पशुपति पारस दोनों ही रामविलास पासवान की विरासत यानी हाजीपुर सीट चाहते हैं। पशुपति पारस वर्तमान में हाजीपुर से सांसद हैं वहीं, चिराग पासवान जमुई से सांसद हैं।
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