नई दिल्ली: संसद में केद्र सरकार के ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं वाले बयान पर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. इस बयान को लेकर मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. कोरोना काल के दौरान अव्यवस्था के आरोप झेल रही सरकार के लिए इस बयान ने कोढ़ में खाज का काम किया है.
इसी बयान को लेकर आज दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमला बोला. सियोदिया ने केंद्र पर झूठ बोलने और खराब नीतियों के कारण देश को जबरन ऑक्सीजन संकट में धकेलने का आरोप लगाया. सिसोदिया ने कहा कि 100 बाद भी जब चर्चा होगी तो केंद्र की खराब नीतियां ही जिम्मेदार मानी जाएंगी.
मनीष सिसोदिया ने कहा, ”कोरोना की जो दूसरी लहर आयी, उस दौरान पूरे देश में ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा था. उस दौरान चारों तरफ त्राहि त्राहि मची हुई थी, ऑक्सीजन का संकट था देश में. कल जब देश की संसद में सवाल उठा तो केंद्र सरकार ने बहुत बेशर्मी से सफेद झूठ बोला कि पूरे देश में ऑक्सीजन से कोई मौत नहीं हुई.”
डिप्टी सीएम ने कहा, ”केंद्र सरकार को यह सोचना चाहिए कि अप्रैल के आखिरी हफ्ते में (15 अप्रैल से 10 मई के बीच) देश में जो हालात थे, उसमें केंद्र सरकार की ऑक्सीजन को लेकर मिस मैनेजमेंट हुआ था. इसके देशभर के अस्पतालों में ऑक्सीजन को लेकर त्राहि त्राहि मची थी. उस दौरान बहुत सारी जानें ऑक्सीजन की कमी की वजह से गईं.”
उन्होंने कहा, ”दिल्ली में मैं ऑक्सीजन का मैनेजमेंट देख रहा था, मैं जानता हूं कि किस तरह मेरा व्हाट्सएप अस्पतालों के प्रमुखों के,डॉक्टर्स के, परिवार वालों के मैसेज से भरा पड़ा था. केंद्र सिर्फ अपनी गलतियां छिपाने के लिए झूठ बोल रही है. 13 अप्रैल से केंद्र ऑक्सीजन वितरण की नीतियां बदलीं, जिसकी वजह से पूरे देश में ऑक्सीजन का संकट खड़ा हुआ. यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी थी और उसे यह जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी.”
सिसोदिया ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा, ”कल जिस बेशर्मी से झूठ बोला, आज उस बेशर्मी को उभारने के लिए बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए लेकिन इसमें जिम्मेदारी लेने के बजाए झगड़ना शुरू कर देते हैं. केजरीवाल को गाली देना शुरू कर देते हैं, गैर बीजेपी मुख्यमंत्रियों को गाली देते हैं, आज भी उन्होंने वही किया. केजरीवाल को गाली देने से उनके पाप नहीं छिपेंगे. आज से 100 साल बाद भी जब चर्चा होगी तो कहा जाएगा कि केंद्र सरकार ने अपनी मूर्खतापूर्ण नीतियों की वजह से देश को ऑक्सीजन के संकट में धकेला.”
केंद्र सरकार पर महामारी के दौरान मौतों को लेकर सच छुपाने के आरोप लग रहे हैं. दिल्ली सरकार कह रही है कि सरकार जले पर नमक छिड़क रही है. वहीं आम आदमी पार्टी ने कहा है कि वो सरकार के इस बयान को लेकर संसद में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएगी.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारें आंकड़े देती है, हम कंपाइल करके उसे छापते हैं. केंद्र सरकार की इससे ज्यादा कोई भूमिका नहीं होती इस जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने ये भी साफ कर दिया कि स्वास्थ्य व्यवस्था राज्यों के अधिकार क्षेत्र का मुद्दा है. राज्यों ने केंद्र को भेजी रिपोर्ट में ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत का जिक्र नहीं किया. मतलब ये कि विपक्ष के सवालों की जवाबदेही केंद्र सरकार ने राज्यों पर डाल दी. सवाल ये भी है कि राज्यों ने ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई मौतों का आंकड़ा केंद्र को क्यो नहीं दिया ?
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