नई दिल्ली । आबकारी नीति मामले में (In Excise Policy Case) राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री (Former Deputy Chief Minister of Delhi) मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को 20 मार्च तक (Till March 20) न्यायिक हिरासत में (In Judicial Custody) तिहाड़ जेल (Tihad Jail) भेजा (Sent) । सीबीआई के वकील ने कहा, “इस स्थिति में हम और सीबीआई रिमांड नहीं मांग रहे हैं, लेकिन अगले 15 दिनों में हम इसकी मांग कर सकते हैं।” वहीं सीबीआई के सूत्रों ने दावा किया है कि सिसोदिया टालमटोल कर रहे थे और बोल नहीं रहे थे।
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि जनवरी में उन्होंने सिसोदिया के कार्यालय से एक कंप्यूटर जब्त किया था। बाद में पता चला कि कंप्यूटर से फाइलें और अन्य डेटा डिलीट कर दिए गए थे। इसके बाद सीबीआई ने डिलीट की गई फाइलों को फिर से हासिल करने के लिए कंप्यूटर को एफएसएल के पास भेजा। अब एफएसएल ने उन्हें रिपोर्ट देकर कंप्यूटर से डिलीट की गई पूरी फाइल को बरामद कर लिया है।
आप पक्ष के वकील सोमनाथ बारती ने बताया सीबीआई को इसका एहसास हो गया है कि किस प्रकार से वे राजनीतिक दबाव में गलत काम कर रहे हैं। विपश्यना सेल की उनकी मांग को न्यायालय द्वारा मंजूर किया गया और भागवत गीता, डायरी पेन व चश्मे की मांग की गई थी उसे भी माना गया है। आज कोर्ट के अंदर एक अजीब सी स्थिति बनी थी, जिसमें सीबीआई के वकील ने कहा करते आप हैं और बदनामी हमारी हो रही है।
उन्होंने बताया सीबीआई ने यह मान लिया है कि इनके(मनीष सिसोदिया) पास कुछ है नहीं। प्रक्रिया के तहत 10 मार्च को जमानत आवेदन पर सुनवाई है, मनीष सिसोदिया को न्यायिक हिरासत में 20 मार्च तक रखा जाएगा। मनीष जी ने कोर्ट में जो मांगे रखी थी उन्हें मान लिया गया है। गिरफ्तारी के एक दिन बाद सिसोदिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि सिसोदिया ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में अहम भूमिका निभाई थी।
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