नई दिल्ली। दिल्ली (Delhi) के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने सोमवार को एक बार फिर कांग्रेस के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार (Punjab government) से शिक्षा के बुनियादी ढांचे (Education infrastructure) का ब्योरा मांगा (Sought details)।
सिसोदिया ने सोमवार दोपहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “कल हमने दिल्ली के 250 सरकारी स्कूलों की सूची जारी की और पंजाब के शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री से राज्य में कांग्रेस सरकार द्वारा अपनी शिक्षा प्रणाली के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए उठाए गए कदमों पर हमें अपडेट करने का अनुरोध किया है।”
शिक्षा विभाग संभालने वाले सिसोदिया ने रविवार को उन सरकारी स्कूलों की सूची जारी की, जिन्होंने शिक्षा सुधार, बुनियादी ढांचे, प्रशिक्षण और परिणाम के क्षेत्र में सुधार किया है। इससे पहले, उन्होंने पंजाब के शिक्षा मंत्री परगट सिंह को भी आने और पिछले पांच वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली सरकार द्वारा लाई गई क्रांति को देखने के लिए आमंत्रित किया था।
उपमुख्यमंत्री ने रविवार को स्कूलों की सूची जारी करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले छह वर्षों में सरकारी स्कूलों में विश्व स्तरीय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए बुनियादी ढांचा विकसित किया है, आईआईएम जैसे संस्थानों के स्कूलों के प्रमुखों को नेतृत्व प्रशिक्षण प्रदान किया है और शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजा है।
उन्होंने बताया, “परिणामस्वरूप दिल्ली के सरकारी स्कूल निजी स्कूलों से बेहतर हो गए हैं। इस साल दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षा 12वीं का परिणाम 99.96 प्रतिशत रहा है। सरकारी स्कूल ऐसे हैं कि एक स्कूल के 51 छात्र नीट जैसी परीक्षाओं में उत्तीर्ण हो रहे हैं। इस साल दिल्ली के सरकारी स्कूलों के करीब 500 बच्चों ने नीट क्वालिफाई किया है, 500 बच्चों ने जेईई मेन्स क्वालिफाई किया है और 70 बच्चों ने जेईई एडवांस भी पास किया है।
सिसोदिया ने कहा, “मुझे विश्वास है कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी इस चुनौती को मौके पर उठाएंगे और पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए कार्यों का विवरण साझा करेंगे।”
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