कानपुर । गोरखपुर कांड (Gorakhpur scandal) की जांच के लिए एसआईटी (SIT) बुधवार को मृतक मनीष के घर पर पहुंची। यहां पर एसआईटी (SIT) ने मृतक मनीष (deceased manish) के दोस्तों से बयान लेकर अहम साक्ष्य एकत्र किये। इसके साथ ही पुलिस आयुक्त ने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बराबर दबिश दी जा रही है। फिलहाल वैज्ञानिक साक्ष्यों को एकत्र किया जा रहा है ताकि कोर्ट से आरोपियों को लाभ न मिल सके।
बर्रा के रहने वाले युवा व्यापारी मनीष गुप्ता की मौत गोरखपुर में हो गई थी। इस पर परिजनों का आरोप है कि थाना प्रभारी सहित छह पुलिसकर्मियों ने मनीष की हत्या की है। इसको लेकर शासन ने एसआईटी का गठन कर दिया है और बराबर जांच की जा रही है। एसआईटी ने गोरखपुर के उस होटल से जहां पर मनीष अपने दो दोस्तों के साथ रुका था वहां से साक्ष्य एकत्र किये। इसके बाद बुधवार को पुलिस आयुक्त असीम अरुण के साथ एसआईटी मृतक के घर पहुंची। यहां पर एसआईटी ने चश्मदीद गवाह मृतक के दोस्त हरियाण निवासी हरवीर और प्रदीप के बंद कमरे में बयान लिये गये।
पुलिस आयुक्त से मीडिया ने सवाल किया कि मुकदमा दर्ज होने के बाद अभी तक आरोपी क्यों नहीं गिरफ्तार हुए हैं। इस पर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि मंगलवार को आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी गई थी और आगे भी दबिश दी जाएगी। फिलहाल साक्ष्य वैज्ञानिक स्तर पर एसआईटी जुटा रही है ताकि कोर्ट में आरोपियों को लाभ न मिल सके। आज चश्मदीद गवाहों के बयान लिये गये हैं, इन्ही चश्मदीदों के साथ मृतक कानपुर से गोरखपुर गया था। वहीं मृतक की पत्नी मीनाक्षी ने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है और एसआईटी भी जांच कर रही है। एजेंसी/हिस
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