इंफाल (Imfal)। मणिपुर (Manipur) में जारी जातीय हिंसा (ethnic violence) के बीच राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह (Chief Minister N. Biren Singh) ने कड़ी चेतावनी (Warning) दी है। सिंह ने सोमवार को कहा कि अगर उन्होंने राज्य में हिंसा बंद नहीं की तो, उन्हें नतीजे भुगतने होंगे। उन्होंने रविवार रात अज्ञात व्यक्तियों की ओर से अकारण हुई गोलीबारी में एक सैनिक के घायल (One soldier injured in firing) होने पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही।
सिंह ने कहा, ‘इसे (हिंसा को) बंद कीजिए। वरना, परिणाम भुगतने होंगे। मैं लोगों… हथियार थामे मेइती लोगों… से अपील करता हूं कि वे किसी पर हमला न करें और शांति बनाए रखें, ताकि हम राज्य में सामान्य हालात बहाल कर सकें।’
मणिपुर में पिछले महीने मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। एन. बीरेन सिंह ने कहा कि हिंसा के दौरान अपने घरों को छोड़ने को मजबूर हुए लोगों को समायोजित करने के लिए उनकी सरकार 3,000-4,000 ‘प्री-फैब्रिकेटेड’ घरों का निर्माण करेगी। राहत शिविरों का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि ये ‘प्री-फैब्रिकेटेड’ घर दो महीनों में तैयार हो जाएंगे।
क्या होते हैं प्री-फैब्रिकेटेड घर
उल्लेखनीय है कि प्री-फैब्रिकेटेड घर ऐसे तैयार ढांचे होते हैं, जो अन्य स्थल पर बनाए जाते हैं और उस जगह पर लाकर इन्हें जोड़ा जाता है, जहां घरों को स्थापित किया जाना है। सिंह ने कहा, ‘लोग परेशानी में हैं। राज्य सरकार उन्हें (राहत शिविरों में रह रहे लोगों को) अस्थायी रूप से समायोजित करने के लिए प्री-फैब्रिकेटेड घरों का निर्माण करने जा रही है। ऐसा उन्हें उनके पिछले स्थानों पर स्थानांतरित करने की स्थाई व्यवस्था नहीं होने तक के लिए किया जा रहा है।’
‘3-4 हजार घरों का होगा निर्माण’
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि लगभग 3,000-4,000 ऐसे घर बनाए जाएंगे और इसके लिए सामग्री का ऑर्डर दिया जा चुका है। सामग्री 10-15 दिन में इम्फाल पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार उन घरों को स्थापित करने के लिए जगह की तलाश कर रही है। मालूम हो कि हालात को देखते हुए राज्य सरकार ने 11 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया था। साथ ही अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट सर्विस प्रतिबंधित कर दीं। इसके बावजूद, हालात अभी तक पूरी तरह से सामान्य नहीं पाए हैं।
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