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    मणिपुर पुलिस ने खरीदे खतरनाक आधुन‍िक हथ‍ियार, क्‍या कुछ बड़ा होने वाला है?

  • September 12, 2024

    नई दिल्ली। मणिपुर (Manipur) एक बार फिर हिंसा की आग में जल रहा है। लोग जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार (Central and State Government) ने जातीय संघर्ष पर काबू करने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी। उग्रवादियों द्वारा बढ़ते हमलों के बीच मणिपुर पुलिस ने मीडियम मशीन गन (MMG) खरीदी। पुलिस विभाग ने एमएमजी की ट्रेनिंग देने के लिए भारतीय सेना से मदद मांगी है। अब बड़ा सवाल उठता है कि क्या मणिपुर में कुछ बड़ा होने वाला है?

    आमतौर पर पुलिस बल और केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों की ओर से 7.62 मिमी मीडियम मशीन गन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। युद्ध क्षेत्र में दुश्मनों पर गोलियों की बौछार करने के लिए इस हथियार का प्रयोग किया जाता है। इस बार मणिपुर में उपद्रवियों द्वारा ड्रोन, अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे सरकार की नींद उड़ गई है। ऐसे में हो सकता है कि उपद्रवियों से निपटने के लिए मणिपुर पुलिस को एमएमजी जैसे खतरनाक आधुन‍िक हथ‍ियार से लैस करने की तैयारी चल रही है।


    इसे लेकर मणिपुर पुलिस पर आरोप लगाया जा रहा है कि मैतेई और कुकी समुदायों के बीच चल रही सांप्रदायिक हिंसा से निपटने के लिए इस हथियार का इस्तेमाल किया जा सकता है। मणिपुर प्रदेश कांग्रेस समिति के उपाध्यक्ष लामतिंथांग हाओकिप ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले से ही हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर में पुलिस कमांडो को मीडियम मशीन गन (MMG) के इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। आइए इंतजार करें कि इसका इस्तेमाल कैसे और किस पर किया जाता है।

    कुकी समुदाय के लोगों ने पुलिस पर मैतेई समुदाय का पक्ष लेने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनकी सुरक्षा नहीं की और कई बार उनके खिलाफ हिंसा में हिस्सा लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस महीने के पहले सप्ताह में खबर आई थी कि मणिपुर पुलिस ने एमएमजी खरीदी है और अपने कर्मियों को ट्रेनिंग देने के लिए सेना से मदद मांगी है।

    इसे लेकर मणिपुर सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि मणिपुर पुलिस के पास पिछले कई सालों से एमएमजी हैं। जबलपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से एमएमजी की खरीद के बाद मणिपुर पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज, पंगेई के निदेशक ने सेना की 57वीं माउंटेन डिवीजन को लिखे पत्र में अनुरोध किया कि उन्हें एमएमजी की प्रशिक्षण के लिए एक टीम उपलब्ध कराई जाए।

    मणिपुर पुलिस कर्मियों का एमएमजी प्रशिक्षण 9 सितंबर से शुरू होकर 21 दिनों तक चलने की उम्मीद थी। आपको बता दें कि मणिपुर पुलिस ने पहले एलएमजी का इस्तेमाल किया था, जिनमें से कुछ एलएमजी पिछले साल मई-जून में जातीय संघर्ष के दौरान लूट ली गई थीं। अप्रैल 2024 में एक खबर आई थी कि मणिपुर में सुरक्षा बलों से लूटे गए 4,200 से अधिक हथियार अभी भी लापता हैं।

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