नई दिल्ली । मणिपुर (Manipur) में मैतेयी और कुकी (Meitei and Kuki) के बीच हो रही नस्लीय हिंसा में कई हाईटेक हथियारों (hi-tech weapons) का इस्तेमाल हो रहा है. इन हथियारों का पता करने के लिए मीडिया ने मणिपुर हिंसा से जुड़े दर्जनों वीडियो खंगाले. साथ ही मणिपुर पुलिस द्वारा 1 जून 2023 से 12 सितंबर 2024 तक जब्त हथियारों का एनालिसिस किया.
पता चला कि कुकी विद्रोही भारतीय हथियारों के अलावा चीन, अमेरिका, इंग्लैंड और म्यांमार में बने हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इनमें अधिकतर वैसे हथियार हैं, जिनका इस्तेमाल भारतीय सिक्योरिटी फोर्सेस भी करती हैं. जैसे- एके-47, इंसान, इसापोर फैक्ट्री में बनी 7.64 मिलिमीटर की सेल्फ लोडिंग राइफल्स और स्टन कार्बाइन.
भारत में बनी एडवांस स्वदेशी ‘घातक’ गन को भी मणिपुर पुलिस ने सीज किया है. सबसे बड़ी दिक्कत और चिंता की बात है विदेशी हथियार. जैसे- M4 कार्बाइन, ये ऐसी राइफल है, जिसका इस्तेमाल अमेरिका की तीनों सेनाएं करती हैं. अमेरिका में बनी AR-15 सेमी-ऑटोमैटिक राइफल और उसके बाद की M16 असॉल्ट राइफल. इसके अलावा जर्मनी में बनी हेकलर एंड कोच 5.56 राइफल्स.
एके-47 का चीनी वैरिएंट एके-56, म्यांमार की MA1 MK-3, इसके अलावा ब्रिटेन में बनी एमके-5 राइफल भी कुकी विद्रोहियों के पास देखी गई हैं. सीज की गई हैं. कुकी पहाड़ों के ऊपर रहते हैं. जबकि मैतेयी समुदाय के लोग घाटियों में.
HE-36 Mills और MK-3A2 हैंड ग्रैनेड्स, इसके अलावा 51 मिलिमीटर और 81 मिलिमीटर के मोर्टार बम भी मिले हैं. इन्हें कुकी विद्रोही लोकल लॉन्चर से दागते हैं. ये लॉन्चर स्टील की पाइप से बनाए जाते हैं. जिन्हें पंपी कहते हैं. 51 mm वाला मोर्टार एक किलोमीटर और दूसरा वाला 5 किलोमीटर तक टारगेट कर सकता है.
टैंक उड़ाने लायक हाई-एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक हथियार भी हैं. ताकि ये बख्तरबंद वाहनों को भी उड़ा सकें. कुकी नेशनल फ्रंट मिलिट्री काउंसिल या कुकी आर्मी के विद्रोहियों के पास RPG भी हैं. जिनमें 80 और 85 mm के ग्रैनेड दागे जाते हैं. आरपीजी के बारे में तब जानकारी मिली थी, तब चूराचंदपुर जिले के थांगजिंग पहाड़ियों पर कुकी विद्रोहियों का रेजिंग डे हो रहा था.
कितने हथियार जब्त किए गए
पिछले साल मई से लेकर इस साल फरवरी तक कई जगहों पर पुलिस के हथियार डिपो को लूटा गया है. अभी तक सही आंकड़ा नहीं पता कि कितने हथियार लूटे गए हैं. लेकिन माना जाता है कि एक साल में कुकी विद्रोहियों ने 4000 हथियार लूटे हैं.
मीडिया के एनालिसिस में यह पता चलता है कि मणिपुर पुलिस अन्य सिक्योरिटी फोर्सेस के साथ मिलकर चोरी किए गए हथियारों को वापस हासिल करने का प्रयास कर रही हैं. पिछले एक साल में अब तक मणिपुर पुलिस ने 161 जगहों से हथियार सीज किए हैं. 1 जनवरी से 10 सितंबर 2024 तक सबसे ज्यादा हथियार रिकवरी के 33 मामले कांगपोक्पी से है. इसके बाद पूर्वी इंफाल और थोबल में 25-25, चूराचंद्रपुर में 24, काकचिंग में 19 और बिष्णुपुर में 14. पूर्वी इंफाल में 1 सितंबर को ड्रोन से बम गिराने की घटना के बाद से पुलिस ने एंटी-ड्रोन सिस्टम भी तैनात कर दिया है.
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