img-fluid

Manipur: फिर भिड़े कुकी-मैतेई समुदाय, सुरक्षा बलों पर भी हमला, एक की मौत, 3 घायल

July 28, 2023

इंफाल (Imphal)। मणिपुर (Manipur Violence) के चुराचांदपुर जिले (Churachandpur District) के सीमांत इलाकों में कुकी और मैतेई समुदाय (Kuki and Meitei Community) के लोगों में फिर भिड़ंत हुई। बृहस्पतिवार को हुई गोलीबारी (firing) में एक की मौत (One died) हो गई और तीन लोग घायल (three people injured) हो गए। गोलीबारी रात तक जारी थी। सूत्रों ने बताया, हथियार बंद हमलावरों ने कुकी- जो समुदाय के अधिकार क्षेत्र के इलाकों फोलजांग, कांगवई गोथोल और अन्य पर हमला किया।

फोलजांग क्षेत्र में हिंसक हमला सुबह करीब पांच बजे हुआ जब हमलावरों ने चुराचांदपुर जिले में बाहरी लोगों से गांवों की रक्षा करने वालों पर गोलीबारी की। इसके जवाब में गांव के स्वयंसेवकों ने भी फायरिंग की। क्रॉस फायरिंग में मरने वाले स्वयंसेवक की पहचान लुनमिनथांग के रूप में की गई है।


बीएसएफ पर कुकी ने किया हमला
कुकी उपद्रवियों ने बृहस्पतिवार को मणिपुर में सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर हमला बोला। इस दौरान सुरक्षाबलों ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया। इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, इमैनुएल इंग्लिश अकादमी, यिंगांगपोकपी, इंफाल पूर्वी जिले में तैनात बीएसएफ के जवानों पर संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने हमला कर दिया। यह हमला सुबह करीब 4.20 बजे हुआ। फायरिंग पास की पहाड़ी की चोटी पी. फैमोल और तुइचिंग गांव की पहाड़ी की ओर से की गई थी। सूत्रों के मुताबिक, शाम करीब 5.15 बजे फायरिंग बंद हुई। इसमें किसी के हताहत की खबर नहीं है।

स्वतंत्र जांच कमेटी की मांग वाली अर्जी सीजेआई के पास
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा और महिलाओं से हैवानियत की घटनाओं की जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक स्वतंत्र कमेटी से कराने की मांग संबंधी याचिका को बृहस्पतिवार को सीजेआई के पास भेज दिया। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता विशाल तिवारी से कहा कि वह अपनी याचिका में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का उल्लेख करें।

जल्दबाजी से नहीं निकाला जा सकता हिंसा का समाधान: साहा
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि पड़ोसी राज्य मणिपुर में जारी जातीय हिंसा का समाधान किसी तरह की जल्दबाजी से नहीं निकाला जा सकता, बल्कि समस्या के उचित समाधान में समय लगेगा, जिसके लिए सभी को धैर्य रखना चाहिए। उन्होंने कहा, एक समय उनका राज्य भी इस तरह की हिंसा से ग्रस्त था, लेकिन अब यहां सभी पक्ष मिलकर आगे बढ़ने को राजी हैं।

कुकी जो आदिवासियों ने फिर उठाई अलग प्रशासनिक इकाई की मांग
मणिपुर में कुकी-जो आदिवासियों ने प्रदर्शन करते हुए फिर से अलग प्रशासनिक इकाई बनाने की मांग उठाई है। कांपोकोपि जिले में इंफाल घाटी के पश्चिम जिले के सीमावर्ती गांव गामगिफाई में सदर हिल्स ट्राइबल यूनिटी कमिटी के नेतृत्व में किए गए प्रदर्शन में आदिवासियों ने सरकार से बोडोलैंड की , तर्ज पर कुकी जो आदिवासियों के लिए पृथक प्रशासनिक इकाई बनाने की मांग करते हुए कहा, मणिपुर सरकार यूनाइटेड पीपल्स फ्रंट (यूपीएफ), कुकी नेशनल ऑर्गेनाइजेशन (केएनओ) को आतंकी संगठन कहना बंद करे और फिर से इन संगठनों से बातचीत की जाए। इन मांगों को 10 आदिवासी विधायकों ने समर्थन किया है।

शांति समझौते से कदम पीछे खींच लिए
आरक्षण को लेकर शुरू हुई जातीय हिंसा अब 2008 में यूपीए सरकार की तरफ से कुंकी आतंकी संगठन यूपीएफ और केएनओ के साथ किए गए परिचालन निलंबन (एसओओ) समझौते के विस्तार पर आकर अटक गई है। राज्य सरकार का कहना है कि इन दोनों संगठनों का कुकी या किसी भी आदिवासी समुदाय की भलाई से कोई संबंध नहीं है, बल्कि ये संगठन प्रदेश में ड्रग्स का कार्टेल चलाते हैं, जिसके खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई का बदला जातीय हिंसा की आड़ में लिया जा रहा है। राज्य सरकार ने एसओओ की शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मार्च में इस शांति समझौते से कदम पीछे खींच लिए थे।

मणिपुर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बोला हमला
सीएम बीरेन ने मिजोरम के मुख्यमंत्री को चेताया, मणिपुर में न दें दखल मिजोरम के सीएम जोरमथांगा के कुकी समर्थक रैली में शामिल होने पर मणिपुर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने हमला बोला है। बीरेन सिंह ने उन्हें चेताते हुए कहा, दूसरे राज्य के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

18 जुलाई के बाद से राज्य में नहीं हुई कोई मौत
मणिपुर के एक अधिकारी ने विपक्ष के दावे को खारजि कर दिया। अधिकारी का कहना है कि 18 जुलाई के बाद से राज्य में कोई हत्या नहीं हुई है। अधिकारी का दावा है कि मैतेई-कुकी समुदाय से बातचीत कर रहे हैं। प्रदेश में जल्द ही शांति स्थापित की जाएगी। गृह मंत्री अमित शाह ने तीन दिन बिताए, 41 विभिन्न समूहों से मुलाकात की और मणिपुर में हिंसा के प्रमुख स्थलों का दौरा किया। उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के दृष्टिकोण की तुलना केंद्र की पिछली सरकारों से की, जब पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा के कम से कम चार बड़े मामले देखे गए थे। उन्होंने दावा किया कि किसी मंत्री ने संसद में एकमात्र बार अगस्त 1993 में जवाब दिया था जब तत्कालीन गृह राज्य मंत्री ने कुकिस-नागा संघर्ष के दौरान सैकड़ों लोगों की हत्या और 350 से अधिक गांवों को उखाड़ने के बाद बात की थी।

Share:

रिटर्न को आसान बनाने के लिए आ सकता है सामान्य आईटीआर फॉर्म, संसदीय पैनल ने की सिफारिश

Fri Jul 28 , 2023
नई दिल्ली। व्यक्तियों और गैर-व्यावसायिक करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न (ITR) भरने की प्रक्रिया आसान बनाने के लिए एक संसदीय पैनल ने वित्त मंत्रालय से सामान्य आईटीआर फॉर्म लाने की सिफारिश की है। मंत्रालय ने पिछले साल नवंबर में ट्रस्टों व गैर-लाभकारी संगठनों को छोड़कर सभी करदाताओं के लिए एक अनुकूल सामान्य आयकर रिटर्न फॉर्म […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
बुधवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved