उज्जैन। शास्त्रों के अनुसार आज 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है। इसकी शुरूआत तड़के भगवान महाकाल के आँगन से हुई। पूरे दरबार को पतंगों से सजाया गया है। इधर संक्रांति पर शहर में कल की तरह आज भी खूब पतंगबाजी होगी। शिप्रा नदी में घाटों पर आज सुबह से मकर संक्रांति के पर्व स्नान की भीड़ उमड़ रही है। लोग स्नान के बाद दान-पुण्य और देव दर्शन कर रहे हैं। महाकाल मंदिर के पुजारी पं. आशीष गुरु ने बताया कि आज तड़के 4 बजे भस्मआरती में भगवान महाकाल को तिल का उबटन लगाकर सुगंधित द्रव्यों से स्नान कराया गया। इसके उपरांत भगवान को तिल से बने पकवानों का भोग लगाया गया। महाकाल मंदिर से ही हर पर्व की शुरूआत होती है। गर्भगृह और नंदी हॉल को पतंगों से सजाया है। उन्होंने बताया कि भस्मारती में भगवान को तिल का उबटन लगाया गया और सुंगधित द्रव्यों से स्नान कराने के पश्चात तिल से बने पकवानों से भोग भगवान महाकाल को अर्पित किए गए।
इधर मकर संक्रांति के पर्व स्नान की रामघाट क्षेत्र में दो दिन पहले ही नगर निगम और जिला प्रशासन ने तैयारी कर ली थी। शिप्रा नदी में स्नान हेतु नर्मदा का साफ पानी भी आ चुका था। स्नान के दौरान दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रामघाट क्षेत्र में अधिक गहरे पानी वाले स्थान पर लोहे की रैलिंग लगा दी गई थी। आज सुबह से कड़ाके की सर्दी के बीच हजारों लोग मकर संक्रांति का पर्व स्नान करने के लिए यहाँ पहुंच गए थे। सुरक्षा व्यवस्था के लिए घाटों पर अतिरिक्त पुलिस बल भी लगाया गया है। शिप्रा स्नान करने के बाद रामघाट क्षेत्र में सुबह से श्रद्धालु दान-पुण्य कर रहे हैं। इसके बाद देवदर्शन के लिए भी पहुंच रहे हैं। यही कारण है कि आज सुबह से महाकाल मंदिर सहित हरसिद्धि, बड़ा गणेश और अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आ रही थी। आज दोपहर तक 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति का स्नान कर लिया था। इसके बाद भी रामघाट क्षेत्र में स्नान पर्व की भीड़ बराबर बनी हुई थी।
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