भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की सरकारें जो भी अच्छा काम करती हैं, उसका विरोध करना ही कांग्रेस का एजेंडा है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में यही बातें कही थीं, जो हमारी केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए पारित कराए गए दोनों विधेयकों में है। कांग्रेस किस बात का विरोध कर रही है? मैं ये स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इन विधेयकों के पारित होने से ना मंडियां बंद होने वाली हैं और ना ही समर्थन मूल्य पर खरीदी बंद होगी। इनसे तो बस किसानों को ये आजादी मिली है कि वे अपनी उपज जिसे चाहें बेच सकें, जहां चाहें बेच सकें। यह बात प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने सोमवार को आयोजित पत्रकारवार्ता में कही।
*किसान आत्मनिर्भर होंगे, तो देश सशक्त और आत्मनिर्भर होगा*
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए संकल्पित है और हाल ही में जो दोनों विधेयक संसद से पारित कराए गए हैं, उनसे इस लक्ष्य की प्राप्ति आसान हो जाएगी। श्री पटेल ने कहा कि इन विधेयकों के पारित होने पर मैं प्रदेश के किसानों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर एवं लोकसभा तथा राज्यसभा के सभी सांसदों को धन्यवाद देता हूं, बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि जो विधेयक पारित हुए हैं, उनसे किसानों को अपनी उपज बेचने की आजादी मिली है, अपनी बेहतरी के लिए एग्रीमेंट करने की आजादी मिली है। इससे खरीदारों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिल सकेगा, बिचौलिये खत्म होंगे। श्री पटेल ने कहा कि किसानों और कृषि क्षेत्र की ताकत का अंदाज इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि कोरोना काल में जब सारे उद्योग-धंधे बैठ रहे थे, सिर्फ खेती का कारोबार चल रहा था और किसानों ने पहले से ज्यादा अनाज पैदा किया। उन्होंने कहा कि इन दोनों विधेयकों से हमारे किसान आत्मनिर्भर होंगे और जब हमारे किसान आत्मनिर्भर होंगे, तो देश आत्मनिर्भर और सशक्त होगा।
*नेहरू जी की गलती सुधार रहे मोदी जी
पटेल ने कहा कि हमारा देश तो 1947 में आजाद हो गया था, लेकिन हमारे गांवों और किसानों को सही मायनों में आजादी हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने दी है। उन्होंने आजादी के 73 साल बाद 24 अप्रैल, 2020 को प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना लागू करके किसानों और गांवों को आजादी दी है। अब उनकी प्रापर्टी के लिए कलेक्टर गाइडलाइन लागू होगी। वे अपनी प्रापर्टी पर लोन ले सकेंगे। इस योजना से और हाल ही पारित हुए दोनों विधेयकों से गांवों तथा किसानों की दशा और दिशा बदलेगी, तस्वीर बदलेगी। कृषि क्षेत्र का तेजी से विकास होगा और कृषि आधारित उद्योग धंधे विकसित होंगे। श्री पटेल ने कहा कि कृषि हमारी रीढ़ है और यदि देश की आजादी के बाद पं. जवाहरलाल नेहरू की सरकार कृषि और कृषि आधारित उद्योगों को प्रधानता दे देते, तो हमारा देश दुनिया में नं.1 होता। पटेल ने कहा कि नेहरू जी की इस गलती को प्रधानमंत्री मोदी अब सुधार रहे हैं।
*किसानों के नुकसान की पूर्ति कमलनाथ करेंगे या सोनिया जी*
पटेल ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने वर्ष 2018 का फसल बीमा किसानों को नहीं दिलाया। हमारी सरकार ने आने के बाद 2200 करोड़ रुपये की प्रीमियम जमा कराके वर्ष 2019 के फसल बीमा की राशि किसानों के खातों में पहुंचाई है, लेकिन किसानों को कम पैसा इसलिए मिला है, क्योंकि कमलनाथ सरकार ने बीमा की स्केलिंग घटाकर 75 फीसदी कर दी थी, ताकि उसे फसल बीमे के लिये ज्यादा पैसा न मिलाना पड़े। श्री पटेल ने कहा कि प्रदेश के किसानों को हुए इस नुकसान को लेकर मैंने सोनिया जी को पत्र लिखा है और उनसे पूछा है कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के कारण प्रदेश के किसानों को जो 1553 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई कमलनाथ जी करेंगे या आप करेंगी।
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