मंडी के व्यापारियों ने कहा- ठेलों पर हो रहे व्यापार से थोक व्यवसाय करने वाले सडक़ पर आए,कलेक्टर से मिलेंगे
इंदौर। शहर के अधिकांश चौराहों पर चल रही अस्थाई मंडियों ने सब्जियों और फलों के दाम गिरा दिए हैं। इससे आम लोगों को तो राहत मिली है और उन्हें सस्ते दामों पर फल और सब्जियां मिल रही हैं, मगर मंडी में थोक और खेरची का व्यवसाय करने वाले व्यापारियों का व्यापार चौपट हो गया है। अस्थाई मंडियों को बंद करने की मांग को लेकर मंडी के व्यापारी अब कलेक्टर मनीषसिंह से मिलने जा रहे हैं।
मंडी के बड़े व्यापारियों ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद चोइथराम सहित अन्य मंडियां कई महीनों तक बंद रही थीं। इसके बाद विशेष शर्तों के आधार पर मंडियों को खोला गया।
हालांकि मंडियों में खेरची व्यवसाय पर प्रतिबंध लगाया गया है और सिर्फ थोक व्यवसाय की ही अनुमति है, मगर शहरभर के प्रमुख चौराहों पर लॉकडाउन समाप्त होने के बाद से ही अस्थाई मंडियां संचालित हो गई हैं। इनमें चोइथराम मंडी के बाहर सर्विस रोड के साथ ही कालानी नगर, मालवा मिल, महू नाका चौराहा, राजेंद्र नगर से राऊ के बीच का मार्ग, कर्बला के सामने की सडक़ सहित अन्य स्थान शामिल हैं, जहां 12 से 15 अस्थाई मंडियां चल रही हैं। यहां ठेलों पर ही सस्ते दामों पर फल और सब्जियां बेची जा रही हैं। ठेलों पर फलों और सब्जियों की बिक्री से लोगों ने मंडी से दूरी बना ली है और यहां के व्यापारियों का धंधा चौपट हो गया है। मंडी में व्यापार करने वाले व्यापारी सडक़ पर आ गए हैं। सडक़ पर ठेले लगाकर सब्जी और फल बेचने वाले ने सब्जियों के दाम गिरा दिए। अस्थाई मंडियों को बंद करने की मांग को लेकर व्यापारी अब कलेक्टर मनीषसिंह से मिलने जा रहे हैं। इसके लिए उनसे मुलाकात का समय मांगा गया है।
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