भोपाल। पंचायत और निकाय चुनाव (Panchayat and civic elections) से पहले भाजपा संगठन अपने बूथों की मजबूती टटोलना चाह रही है। इसके लिए सभी जिला पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। एक से छह दिसंबर के बीच अलग-अलग जिलों में प्रदेश स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होगा। पार्टी नेताओं ने हर जिले के लिए अलग-अलग तारीख में प्रशिक्षण कार्यक्रम तय किया। तीन दिवसीय यह आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा। जिसमें जिला पदाधिकारियों को बूथ स्तर पर रणनीति बताई जाएगी। प्रशिक्षण के लिए नेताओं की जवाबदेही तय की गई है जो उन जिलों में पहुंचकर प्रशिक्षण देंगे।
पार्टी नेताओं ने बताया कि चुनाव से पहले पार्टी पंचायत और निकाय चुनाव में इस प्रशिक्षण की मजबूती का आंकने की कोशिश करेगी ताकि विधानसभा चुनाव से पहले इसे मजबूत किलेबंदी के रूप से तैयार किया जा सके। प्रदेश के सभी मंडलो में इसके पूर्व मंडल प्रशिक्षण वर्ग हो गए हैं। आगामी 1 दिसंबर से 6 दिसंबर तक आयोजित प्रशिक्षण वर्ग में जिला पदाधिकारी, जिला कार्यसमिति सदस्य, मंडल अध्यक्ष एवं मंडल महामंत्री भाग लेंगे।
सांसद-विधायक देंगे प्रशिक्षण
एक जिले में तीन दिनी इस ट्रैनिंग प्रोग्राम में चुनाव प्रबंधन और चुनाव प्रचार की प्रणाली पर खास फोकस होगा। प्रशिक्षण की जो कार्य योजना तैयार की गई है उसमें जिले की पूरी कार्यसमिति को 3 दिन तक प्रशिक्षण दिया जाएगा इसमें जिलों के पदाधिकारी से लेकर कार्यसमिति सदस्य मंडल अध्यक्ष मोर्चा का जिलाध्यक्ष समेत जिले के विभिन्न जिलों के अध्यक्ष भी शामिल होंगे हर जिले में प्रशिक्षण के लिए स्थान तैयार किए जा रहे हैं इसमें भाजपा के कार्यकर्ताओं को 3 दिन और 2 रात रुकना होगा इस दौरान अपने घर नहीं जा सकेंगे 3 दिन के इस प्रशिक्षण शिविर में जिले के मंत्री सांसद और क्षेत्रीय विधायक को भी उपस्थित रहना होगा कुछ सांसद और विधायक ट्रेनर्स की भूमिका में भी होंगे।
सोशल मीडिया और अत्याधुनिक तकनीक का सहारा
जिलों में चुनाव को देखते हुए किस तरह से केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाएं जन जन तक पहुंचाएं। कैसे संगठन को बूथ पर मजबूत करें। चुनाव प्रचार का बेहतर तरीका क्या हो, जैसे बिषयों पर एक्सपर्ट पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देंगे। सोशल मीडिया और अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल का भी प्रशिक्षण कार्यकर्ताओं को दिया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए जिलों के प्रभारियों और जिलाध्यक्षों ने प्रशिक्षण प्रभारी तैनात कर दिए हैं। अब संभागीय बैठकों में ट्रैनिंग देने वालों के नाम छांटे जा रहे हैं। ये नाम जल्द प्रदेश कार्यालय भेजे जाएंगे। जो वरिष्ठ कार्यकर्ता या पदाधिकारी जिलों में ट्रैनिंग देंगे। इनके नाम तय होने के बाद इन्हें प्रदेश कार्यालय बुलाया जाएगा, जहां इन्हें मास्टर्स ट्रैनर्स प्रशिक्षण देंगे। कौन सा कार्यकर्ता किस बिषय पर बोलेगा, यह भी तय हो रहा है। एक वक्ता को डेढ़ घंटे का वक्त दिया जाएगा।
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