जयपुर। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे से जुड़े पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और हेमाराम चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जोरदार जुबानी हमला करते हुए कहा है कि सीएम द्वारा उनके नेतृत्व और कुशासन को चुनौती देने वाले विधायकों, बल्कि उनके परिवारजनों तक को परेशान करने के लिए प्रतिशोध की भावना से उत्पीड़न, जबरन कार्रवाई, अमर्यादित भाषा और बदले की राजनीति को अंजाम दिया जा रहा है। राजनीति के इस निम्न स्तर को न राजस्थान बर्दाश्त करेगा और न ही भारत।
विश्वेन्द्र सिंह और हेमाराम चौधरी ने सोमवार रात बयान जारी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा 2018 के चुनावों में कांग्रेस सरकार के चुने हुए विधायकों, राजस्थान के लोगों और कांग्रेस द्वारा सौंपी गई शक्तियों का लगातार दुरुपयोग करना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।
पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि परसों तक मैं उनका कैबिनेट मंत्री था। आज मुझ पर एसओजी और एसीबी के केस लगा दिए गए हैं। इन केसों का क्या अर्थ निकलता है। हमने कोई बेईमानी नहीं की। मैं बेबाकी से बोलने वाला आदमी हूं। बेबाकी से बोलता रहूंगा। ऐसी गीदड़ भभकियों से मैं डरता नहीं हूं। उन्होंने कहा कि मेरे और पूर्व मंत्री भंवरलाल शर्मा के खिलाफ केस दर्ज करने, पुलिस कार्रवाई, नोटिस और उत्पीड़न के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो और आतंकवाद निरोधी दस्ते का गलत इस्तेमाल किया गया, क्योंकि हमने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कुशासन और नेतृत्व में कमी को चुनौती दी और दिखाया कि राजस्थान में कितनी बुरी चीजें हुई हैं।
पूर्व मंत्री और विधायक हेमाराम चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत के आज के बयान सुनकर मुझे बड़ा आघात लगा है। देश की जनता को भी इससे बड़ा दुख हुआ है, क्योंकि एक व्यक्ति जिसने राजस्थान के अंदर कांग्रेस बिल्कुल खत्म हो गई थी, उसको जीवित किया और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनाई। उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा और उसके बाद में उन को दरकिनार कर दिया गया। पूर्व में परसराम मदेरणा, सीपी जोशी और इस बार पायलट तीनों के नेतृत्व में ने चुनाव लड़ा गया तो सत्ता में कांग्रेस आई और सत्ता में आने के बाद में इनको ही दरकिनार कर दिया जाता है और हमेशा अशोकजी मुख्यमंत्री बन जाते हैं, यह हमेशा इस तरह की चाल करते हैं। आज का सीएम का बयान बौखलाहट भरा वक्तव्य है। उन्होंने गहलोत से इस बयानबाजी के लिए राजस्थान की जनता से माफी मांगने और और भविष्य में इस प्रकार के वक्तव्य बंद करने की मांग की। (एजेन्सी, हि.स.)
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