नई दिल्ली (New Delhi)। कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court)में उस समय अफरातफरी की स्थिति (state of chaos)मच गई जब मैसूरु के एक 51 साल के व्यक्ति ने कोर्ट के अंदर चाकू (knife inside)से गला काटने की कोशिश (Effort)की। घटना बुधवार की दोपहर करीब 1:15 बजे के करीब कोर्ट संख्या 1 में हुई। कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी अंजारिया और न्यायमूर्ति एचबी प्रभाकर शास्त्री की खंडपीठ एक मामले पर सुनवाई कर रही थी।
मैसूरु के विजयनगर के एस चिन्नम श्रीनिवास नामक व्यक्ति को आत्महत्या के इस प्रयास के बाद बॉरिंग अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसके गले का ऑपरेशन किया और उसे निगरानी में रखा।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, श्रीनिवास नाम का यह व्यक्ति कोर्ट रूम में चला गया और कोर्ट के अधिकारी को कुछ फाइलें सौंपीं। उसने बेंच पर कुछ शब्द कहे और जब अधिकारी उसे कार्यवाही में बाधा डालने से रोकने की कोशिश करने लगे तो उसने चाकू निकाला और अपना गला काट लिया। घटना से हैरान पीठ ने अदालत के कर्मचारियों से अदालत कक्ष के बाहर ड्यूटी पर मौजूद पुलिस को सूचित करने को कहा। पुलिस अंदर पहुंची और उसे अस्पताल ले गई।
डॉक्टरों ने पुलिस को श्रीनिवास की हालत का हवाला देते हुए उनका बयान लेने से रोका। शख्स की पत्नी उमा देवी ने पुलिस को बताया कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनके पति इतना बड़ा कदम उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि श्रीनिवास उस समय परेशान थे जब अदालत ने हैदराबाद स्थित एक निर्माण कंपनी के खिलाफ 2021 में मैसूर में दायर एक मामला खारिज कर दिया था, जिसमें उसके मैनेजमेंट पर 93 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया था। उन्होंने पुलिस को बताया कि जुलाई 2023 में एफआईआर रद्द कर दी गई।
पुलिस सूत्र ने कहा, “2021 की एफआईआर के अनुसार, बिल्डरों ने श्रीनिवास के साथ एक समझौता किया था। उन्होंने हैदराबाद में बनने वाले अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स में हिस्सेदारी का वादा किया था। हालांकि, श्रीनिवास ने दावा किया कि कंपनी ने अपना वादा पूरा नहीं किया। इसके बाद उन्होंने शिकायत दर्ज कराई। अदालत ने एफआईआर को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि यह सिविल मामला है। शिकायतकर्ता को मामले को सुलझाने के लिए निचली अदालत में जाने का निर्देश दिया।”
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