नीमच । मध्य प्रदेश (MP) के नीमच जिले (Neemuch District) के मनासा (Manasa) में एक बुजुर्ग (Elderly Man) के विशेष समुदाय (Particular Community) का होने के शक (Suspicion) में पीट-पीटकर हत्या करने (Killing by Lynching) के आरोपी (Accused) दिनेश कुशवाहा (Dinesh Kushwaha) को पुलिस (Police) ने गिरफ्तार कर लिया (Arrested) । यह गिरफ्तारी तब हुई जब पुलिस उसका मकान जमींदोज करने बुलडोजर लेकर पहुंची थी।
ज्ञात हो कि बीते दिनों एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति बुजुर्ग की पिटाई कर रहा था। इस बुजुर्ग की पहचान रतलाम जिले के सरसी गांव के भंवर लाल जैन के तौर पर हुई थी, जो अपने परिजनों के साथ चित्तोड़गढ़ गए थे उसके बाद लापता हो गए थे।नीमच के पुलिस अधीक्षक सूरज कुमार वर्मा ने संवाददाताओं के बताया है कि बुजुर्ग भंवर लाल जैन की हत्या के आरोपी दिनेश कुशवाहा की गिरफ्तार हो गई है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद दिनेश के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था और उसकी तलाश की गई, जिस पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है।
वर्मा ने बताया है कि आरोपी ने यह बात स्वीकार कर ली है कि बुजुर्ग को पीटते हुए वीडियो में जो व्यक्ति दिख रहा है, वह दिनेश ही है। साथ ही आरोपी ने यह भी स्वीकार किया है कि बुजुर्ग की पहचान न होने के चलते ही उसकी पिटाई की थी। घटनाक्रम का ब्यौरा देते हुए वर्मा ने बताया कि, भंवर लाल बुजुर्ग व्यक्ति थे और मानसिक तौर ज्यादा मजबूत नहीं थे। कई दिनों से वे भटक रहे थे, उन पर यह ज्यादती हुई है। तीन चिकित्सकों की टीम से शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। रिपोर्ट आनी अभी बाकी है, विसरा भी सुरक्षित रखा गया है।
ज्ञात हो कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति बुजुर्ग भंवर लाल जैन को लगातार चांटे मारते हुए दिखाया गया, आरोपी पीटते हुए बुजुर्ग से कह रहा है, ‘तेरा नाम क्या मोहम्मद है? जावरा से आया है? चल अपना आधार कार्ड दिखा।’ आरोपी की तलाश के दौरान मकान को जमींदोज करने बुलडोजर भेजा गया था, मगर बुलडोजर नहीं चलने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के मीडिया विभाग के महामंत्री के के मिश्रा ने ट्वीट कर कहा है, नीमच में मुस्लिम समझकर जैन बुजुर्ग की हत्या हुई है। हत्यारा भाजपाई, आरोपी तो मार रहा था, तो वीडियो किसने बनाया, उसे क्यों बचाया जा रहा है। मकान पिता के नाम है। लिहाजा, बुलडोजर ने नहीं तोड़ा मकान। ये तर्क अन्य पर क्यों नहीं लागू होता।
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