मुंबई। एक तरफ जहां रूस-युक्रेन में युद्ध (Russo-Ukraine war) चल रहा है तो दूसरी ओर युद्ध का असर पूरी दुनिया में देखने को मिलने लगा है। आसमान छूती महंगाई और उपर से पेट्रोल डीजल के दामों हो रही बढ़ोत्तरी होने के संकेत मिलने लगे हैं। बढ़ती महंगाई को देखते हुए लोगों को पुरोन संसाधानों की याद आने लगी है। ऐसा ही नजारा महाराष्ट्रा (Maharashtra) में देखने को मिला है। जहां औरंगाबाद (Aurangabad) के एक शख्स ने नया तरीका निकाला है।
महंगाई की चर्चाओं के बीच महाराष्ट्र के शेख युसूफ ने गाड़ी चलाना छोड़ दिया है। औरंगाबाद (Aurangabad) में रहने वाले इस शख्स का नाम युसुफ शेख (Shaikh Yusuf) है। युसुफ शेख काम पर कार या बाइक बल्कि घोड़े पर सवार होकर जाते हैं। युसुफ ‘घोड़े वाला’ के नाम से चर्चित हो गए हैं।
विदित हो कि सरकार ने मार्च कोरोना को देखते हुए वर्ष 2020 में लॉकडाउन लगाया। लॉकडाउन के कारण 49 वर्षीय युसुफ शेख को अपनी लैब असिस्टेंट की नौकरी गंवानी पड़ी। अब घर में पैसे आना बंद हो गया था तब युसूफ ने अपने परिवार वालों को संभालने के लिए अपने दोस्त के साथ सब्जी बेचने का काम शुरू किया और कुछ पैसों का इंतजाम होने लगा।
मैंने यह घोड़ा लॉकडाउन में खरीदा था। गाड़ी में कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं रह सकता है। घोड़ा चलाने से आदमी का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। दूसरी तरफ़ पेट्रोल और डीज़ल के दाम भी बढ़े हुए हैं। ऐसे में घोड़ा चलाना ठीक है: शेख युसूफ, औरंगाबाद, महाराष्ट्र pic.twitter.com/4eB8fF9WkA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 15, 2022
कुछ महीनों बाद युसूफ (Shaikh Yusuf) को वाईबी चवन कॉलेज ऑफ फार्मेसी से बुलाया गया। यहां वह लैब असिस्टेंट का काम करते थे। लेकिन, युसूफ जहां काम करते थे वह जगह उनके घर से करीब 16 किलोमीटर दूर थी। वहां जाने के लिए युसूफ ने अपनी पुरानी से जाने का फैसला लिया। लेकिन, तब पेट्रोल की ऊंची कीमतों (करीब 111 रुपये) के चलते उन्होंने बाइक नहीं चलायी। कुछ दिनों बाद उनकी बाइक पड़े-पड़े खराब हो गई थी। तब वह अपनी बाइक भी ठीक नहीं कर पाएं। तब उन्हें घोड़े की याद आई।
युसुफ (Shaikh Yusuf) के एक रिश्तेदार के पास काठियावाड़ी ब्रीड का एक काले रंग का घोड़ा था। जिसे उनके रिश्तेदार 40 हजार रुपये में बेच रहे थे। युसुफ ने अपनी बाइक बेची और रिश्तेदार से घोड़ा खरीद लिया। युसुफ के पास कहीं आने-जाने के लिए ‘जिगर’ नाम का घोड़ा था। उसी घोड़े से वह लैब जाने लगे।
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