कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) ने चुनाव बाद हुई कथित हिंसा (post-poll violence in West Bengal) की निष्पक्ष जांच की मांग वाली कई जनहित याचिकाओं पर गुरुवार को फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने चुनाव बाद हुई हिंसा की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी CBI से कराने को कहा है.
हालांकि अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि केवल हत्या और बलात्कार के आरोपों की सीबीआई जांच होगी. अन्य सभी आरोपों के मामले में एसआईटी जांच करेगी. . अदालत ने कहा कि पश्चिम बंगाल के आईपीएस अधिकारियों की अगुवाई में एसआईटी गठित होगी और यह होगी कोर्ट की निगरानी में जांच करेगी.
कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया है कि वह पीड़ितों के मुआवजे के लिए आवेदनों पर तुरंत कार्रवाई करे. इसके साथ ही सीबीआई व एसआईटी को छह सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है. कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले की सुनवाई 24 अक्टूबर को होगी.कार्यवाहक चीफ जस्टिस राजेश बिंदल, जज जस्टिस आई पी मुखर्जी, जज जस्टिस हरीश टंडन, जज जस्टिस सौमेन सेन और जज जस्टिस सुब्रत तालुकदार की पीठ ने मामले में फैसला सुनाया.
इससे पहले पीठ ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) अध्यक्ष को ‘चुनाव के बाद की हिंसा’ के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित करने का आदेश दिया था. पैनल ने अपनी रिपोर्ट में ममता बनर्जी सरकार को दोषी ठहराया था और उसने बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर अपराधों की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की थी. उसने कहा था कि मामलों की सुनवाई राज्य के बाहर की जानी चाहिए.
3 अगस्त को पूरी हुई थी सुनवाई
बता दें इसी महीने 3 अगस्त को उच्च न्यायालय ने मामले से जुड़ी जनहित याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रख लिया था. जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ के निर्देश पर NHRC अध्यक्ष द्वारा गठित सात सदस्यीय जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर अपराधों की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ( सीबीआई) को सौंपने की सिफारिश की थी.
सिफारिश में यह भी कहा गया था कि इन मामलों की सुनवाई राज्य के बाहर होनी चाहिए. इस साल 2 मई को संपन्न हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सीएम बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी ने बड़ी जीत दर्ज की थी. 293 सीटों पर हुए चुनाव में पार्टी के खाते में 213 सीटें आई थीं. वहीं, राज्य में सत्तारूढ़ दल को कड़ी टक्कर दे रही भारतीय जनता पार्टी ने 77 सीटों पर जीत दर्ज की थी. राज्य में हिंसा की खबरें आने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा समेत पार्टी के कई बड़े नेताओं ने इलाकों का दौरा किया था.
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