कोलकाता: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में कई दिनों से जारी प्रदर्शन का असर अब दिखने लगा है. संदेशखाली को लेकर इतना बवाल मचा कि अब प्रशासन पूरी तरह से नींद से जाग चुका है और गरीबों को न्याय मिलना शुरू हो गया है. संदेशखाली में जबरन कब्जा की गई जमीन पर अब एक्शन हो रहा है और उसके असल मालिक को जमीन लौटाई जा रही है. अब तक संदेशखाली में 61 लोगों को जमीन लौटा दी गई है.
दरअसल, पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले के अशांत संदेशखाली में बीते कुछ समय से टीएमसी नेता शाहजहां शेख और अन्य के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. आरोप है कि शाहजहां शेख और उसके समर्थकों ने गरीबों की जमीनों पर कब्जा किया और महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया. इसके बाद से ही संदेशखाली को लेकर संग्राम जारी है. सरकारी कैंप में जमीन पर कब्जा किए जाने की शिकायत मिलने के बाद से प्रशासन जांच में जुटा है. इसी जांच के क्रम में 61 लोगों को जमीन का मालिकाना हक लौटाया गया है. ये जमीनें 22 से 24 फरवरी के बीच वापस की गई हैं.
इससे पहले पश्चिम बंगाल पुलिस ने ग्रामीणों की जमीन हड़पने के आरोप में उत्तरी 24 परगना जिले के अशांत संदेशखालि से तृणमूल कांग्रेस नेता अजीत मैती को गिरफ्तार किया. एक अधिकारी ने बताया कि फरार तृणमूल नेता शाहजहां शेख के करीबी सहयोगी माने जाने वाले मैती को रविवार शाम को एक व्यक्ति के आवास से हिरासत में लिया गया, जहां उसने ग्रामीणों द्वारा पीछा किए जाने के बाद खुद को चार घंटे से अधिक समय तक बंद कर रखा था. उन्होंने बताया कि 70 से ज्यादा शिकायतें मिलने के बाद पुलिस ने शाहजहां शेख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अधिकतर शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि शाहजहां उनकी जमीन के जबरन अधिग्रहण और स्थानीय महिलाओं पर अत्याचार में सक्रिय रूप से शामिल था. मैती को गिरफ्तारी से करीब 24 घंटे पहले ही तृणमूल ने शाहजहां के भाई शेख सिराजुद्दीन की जगह पार्टी की क्षेत्र इकाई का अध्यक्ष बनाया था. पुलिस के मुताबिक, जमीन पर जबरन कब्जा करने और महिलाओं के यौन शोषण के आरोप में मैती से रात भर पूछताछ की गई और सुबह उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. यह आरोप लगाया गया है कि मैती ने शाहजहां के प्रभाव में आकर संदेशखालि के बरमादजुर इलाके में कई भूखंड पर कब्जा किया था.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved