कोलकाता । ममता सरकार (Mamta Government) ने मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों से (From Medical Colleges and Hospitals) सभी रेजिडेंट डॉक्टरों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी (Asked for detailed information of all Resident Doctors) । पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर मांगी गई जानकारी में पंजीकरण संख्या, आधार और पैन नंबर, मोबाइल नंबर और उनके शैक्षणिक रिकॉर्ड का विवरण शामिल है।
रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर और सीनियर रेजिडेंट के पद ऐसे पद हैं जिन पर तैनात डॉक्टरों को अस्पताल की ड्यूटी के अलावा निजी प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं होती है। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक विवरण मांगने के पीछे के कारण का खुलासा नहीं किया है, लेकिन पिछले महीने सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसर में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुए भयानक बलात्कार और हत्या के विरोध में जारी प्रदर्शनों के बीच चिकित्सा जगत में हलचल मचा दी है।
चिकित्सा जगत के प्रतिनिधियों के अनुसार, यह अधिसूचना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाल ही में दो सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों से जुड़े दो रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर और एक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर को निलंबित किया गया था। ये तीनों डॉक्टर पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल के विवादास्पद पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी थे। आरजी कर में वित्तीय अनियमितताओं के मामले में कथित संबंधों के कारण घोष फिलहाल केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में हैं।
निलंबित किए गए तीन डॉक्टरों में बर्दवान मेडिकल कॉलेज के रेडियोडायग्नोसिस विभाग के पूर्व रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर (आरएमओ) अविक डे, उसी अस्पताल के पैथोलॉजी विभाग से जुड़े पूर्व वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. बिरुपाक्ष बिस्वास और मिदनापुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर मुस्तफिजुर रहमान मलिक शामिल हैं। इस जघन्य बलात्कार और हत्या मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई होनी है।
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