चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के विधानसभा चुनावों (Assembly elections) के नतीजे सामने आ गए हैं। अंतिम नतीजों और रुझानों से भाजपा (BJP) के शानदार प्रदर्शन और कांग्रेस (Congress) के फ्लाप शो की तस्वीर साफ है। इन नतीजों ने मोटे तौर पर सत्ता विरोधी लहर को भी खारिज कर दिया। बंगाल (Bengal) में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने, असम (Asam) में भाजपा ने और केरल (Kerala) में एलडीएफ (LDF) ने सत्ता बरकरार रखी है। तमिलनाडु और पुडुचेरी में सत्ता परिवर्तन हो रहा है। तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक को हराकर स्टालिन के नेतृत्व में द्रमुक सत्ता में आ रही है। वहीं पुडुचेरी में राजग ने यूपीए के हाथ से सत्ता ले ली है। अब इन राज्यों में नई सरकार के गठन का काम तेज हो गया है। ममता बनर्जी सोमवार को राज्यपाल से मिलेंगी और सरकार बनाने का दावा पेश करेंगी। वहीं टीएमसी नंदीग्राम में दोबारा मतगणना की मांग की और ऐसा नहीं होने पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा सकता है।
केरल में नहीं काम आई राहुल की मेहनत: इस बार केरल की वायनाड लोकसभा सीट से संसद में पहुंचे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां विधानसभा चुनाव में पार्टी की कमान संभाली थी। अभियान का ज्यादातर समय उन्होंने केरल में ही बिताया था। इसके बावजूद उनकी मेहनत काम नहीं आई। मुख्यमंत्री पी विजयन के नेतृत्व में वाम गठबंधन एलडीएफ 140 सदस्यीय विधानसभा में 99 सीटों के प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बना रहा है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के खाते में 41 सीटें आई हैं। केरल में 40 साल बाद पहली बार किसी गठबंधन ने लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल की है। यहां भाजपा ने अपनी इकलौती सीट भी गंवा दी है।
तमिलनाडु में स्टालिन का चमत्कार: अन्य राज्यों से इतर तमिलनाडु में सत्ता बदल रही है। खबर लिखे जाने तक मिले नतीजों और रुझानों के आधार पर यहां 234 सदस्यीय विधानसभा में द्रमुक अकेले 132 सीटों पर जीत रही है, जिसका पूरा श्रेय पार्टी प्रमुख एमके स्टालिन को जाता है। द्रमुक की सहयोगी के तौर पर लड़ी कांग्रेस को 17 सीटें मिल रही हैं। सत्ताधारी अन्नाद्रमुक व सहयोगी दल 79 सीटों पर सिमटते दिख रहे हैं।
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