नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से छुट्टी के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमत्री ममता बनर्जी ने खुलकर बंगाल के महाराज के लिए बैंटिग की है. सोमवार को उत्तर बंगाल रवाना होने के पहले ममता बनर्जी ने सौरव गांगुली को बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से हटाये जाने को अन्याय करार दिया और पीएम नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि सौरव गांगुली को आईसीसी का चुनाव लड़ने दिया जाएगा. वह इस मामले में हस्तक्षेप करें. उन्होंने कहा कि सौरव गांगुली हमारी शान हैं.
सौरव गांगुली ने मैदान पर और एक प्रशासक के रूप में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है. ममता बनर्जी ने सवाल किया कि पता नहीं अमित शाह का बेटा क्यों रह गया है? सौरव को किस उद्देश्य से बाहर रखा गया था? उन्होंने आरोप लगाया कि सौरव गांगुली को गलत तरीके से बाहर रखा गया है.
ममता बनर्जी ने कहा, ” मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करूंगी कि सौरव गांगुली को आईसीसी चुनाव लड़ने की अनुमति दें. मैं सरकार से क्रिकेट के हित में फैसला लेने का अनुरोध करूंगी.” उन्होंने आरोप लगाया कि सौरव गांगुली को वंचित किया गया है. बता दें कि बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से छुट्टी के बाद सौरभ गांगुली ने घोषणा की है कि वह सीएबी का चुनाव लड़ेंगे.
सौरव ने शनिवार को कहा था, ”हां, मैं चुनाव लड़ने जा रहा हूं. 22 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करना है. मैं पांच साल से कैब में था. लोढ़ा समिति के नियमों के अनुसार, मैं और चार साल तक रह सकता हूं. मुझे उम्मीद है कि मेरा पैनल 20 तारीख तक तैयार हो जाएगा.” निवर्तमान सीएबी अध्यक्ष अभिषेक डालमिया ने भी सौरव के साथ खड़े होने का आश्वासन दिया था.
बता दें कि सौरव गांगुली को बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से हटाने जाने के बाद इसके पहले ही तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा था और कहा था कि चूंकि सौरव गांगुली बीजेपी मे शामिल नहीं हूए. इस कारण उन्हें अध्यक्ष पद से हटाया गया है, जबकि जय शाह फिर से अपने पुराने पद पर वापस आ रहे हैं. सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के अन्य नेताओं की तरह ही ममता बनर्जी ने भी सौरव गांगुली के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया और इशारा किया कि सौरव गांगुली राजनीति के शिकार हो गये हैं, लेकिन इससे क्रिकेट का भला नहीं होगा. उन्होंने पीएम से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की.
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