नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार (24 मई, 2024) को कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ वो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी.
तृणमूल कांग्रेस की चीफ ममता बनर्जी ने दक्षिण 24 परगना जिले के सागर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ”हम ओबीसी प्रमाणपत्रों को रद्द करने संबंधी आदेश को नहीं मानते. हम ग्रीष्म अवकाश के बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे.’’ इससे पहले भी ममता बनर्जी ने कहा था कि वो मैं कलकत्ता हाईकोर्ट के ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने के आदेश को स्वीकार नहीं करेंगी.
ममता बनर्जी ने हाल ही में कहा था,”मैं किसी का नाम नहीं लूंगी. इसे किसी ने भी पारित किया हो, लेकिन मैं यह जरूर कहूंगी कि यह आदेश बीजेपी के पक्ष में है. इस कारण हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे. ओबीसी के लिए आरक्षण जारी रहेगा.”
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 2010 से कई वर्गों को दिया गया ओबीसी का दर्जा रद्द करते हुए कहा था, ” मुसलमानों के 77 वर्गों को पिछड़ा वर्ग श्रेणी की सूची में शामिल करना उनके साथ वोटबैंक की तरह बर्ताव करना है.’’ ये आदेश जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती और जस्टिस राजशेखर मंथा की पीठ ने पारित किया था.
हाईकोर्ट का फैसला ऐसे समय पर आया था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए दिन चुनावी रैलियों में कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए दावा करते हैं कि ओबीसी का कोटा छीनकर ये लोग अल्पसंख्यकों को दे देंगे और ये संविधान के खिलाफ होगा, लेकिन विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल दल सिर्फ ऐसा वोटबैंक के लिए कर रहे हैं.
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