नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच जारी गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा. एक तरफ आम आदमी पार्टी के पक्ष में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र ने अध्यादेश जारी कर दिया है, वहीं इस अध्यादेश को कानून बनने से रोकने के लिए आम आदमी पार्टी ने फील्डिंग मजबूत कर ली है. आप की ओर से यह पूरी कोशिश है कि इस बिल को राज्यसभा में पास ही ना होने दिया जाए.
इसके लिए आम आदमी पार्टी सुप्रीमो विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद अब वह ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे और शरद पवार से भी मिलने वाले हैं. इसी क्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 23 मई से तीन दिवसीय स्पेशल दौरे पर जा रहे हैं. पहले दिन वह कोलकाता जाएंगे. जहां वह इस मुद्दे पर ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे और उन्हें राज्य सभा में इस बिल को गिराने में मदद मांगेंगे.
वहीं इसके अगले दिन वह मुंबई जाएंगे, जहां 24 मई को उद्धव ठाकरे से तो 25 मई को शरद पवार से भी इसी मुद्दे को लेकर मुलाकात करेंगे. केजरीवाल को उम्मीद है कि विपक्षी एकता से केंद्र सरकार का यह बिल राज्यसभा खारिज हो जाएगा. इसके बाद यह कानून नहीं बन पाएगा. बता दें कि आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल सड़क से लेकर सदन तक और एलजी से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक प्रशासनिक अधिकारियों पर नियंत्रण का मुद्दा लगातार उठाते रहे हैं.
बीते आठ सालों से उनकी यह लड़ाई बदस्तूर जारी थी, जिसमें बीते सप्ताह ही सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए प्रशासनिक अधिकारि दिल्ली सरकार को सौंप दिए थे. इसमें यह व्यवस्था हो गई कि दिल्ली सरकार अपनी मर्जी से अधिकारियों का ट्रांसफर कर सकेगी. लेकिन बीजेपी शासित केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटते हुए एक अध्यायादेश जारी कर दिया, जिसमें एक बार फिर अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार एलजी को दे दिया है.
केंद्र सरकार इस अध्यायादेश को कानूनी जामा पहनाने के लिए राज्यसभा में लाने की तैयारी में है. दरअसल लोकसभा में बीजेपी को बहुमत है, लेकिन यह बिल कानून की शक्ल उसी दशा में ले सकेगा, जब यह राज्यसभा में पारित हो. ऐसे में आम आदमी पार्टी ने भी इस बिल को राज्यसभा में रोकने के लिए फील्डिंग तेज कर दी है. आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने इसके लिए सभी विपक्षी दलों के नेताओं से संपर्क करना शुरू कर दिया है. सभी से केजरीवाल यही अपील कर रहे हैं कि दिल्ली के हित में इस बिल के विरोध में राज्यसभा में मतदान करें.
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