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    कांग्रेस से मिली हार के बाद बदले ममता बनर्जी के सुर, TMC ने फिर अलापा विपक्षी एकता का राग

  • March 30, 2023

    नई दिल्‍ली (New Delhi) । लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में अकेले लड़ने के ऐलान कर चुकीं पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamta Banerjee) रुख बदलती नजर आ रही हैं। अब वह विपक्षी एकता (opposition unity) की अपील कर रही हैं। हाल ही में तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) सोमवार रात कांग्रेस की तरफ से बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में भी शामिल हुई थी। सियासी घटनाक्रमों के बीच इसकी कई वजह हो सकती हैं।

    बंगाल से बाहर समर्थन
    खास बात है कि पश्चिम बंगाल के अलावा टीएमसी को खास चुनावी सफलता नहीं मिली है। हालांकि, हाल ही में हुए मेघालय विधानसभा चुनाव में टीएमसी का प्रदर्शन दमदार रहा था। पार्टी ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी। बहरहाल, 2024 में दिल्ली तक का सफर पूरा करने के लिए अन्य राज्यों का भी समर्थन जरूरी है।

    टीएमसी सुप्रीमो ने कहा कि अगर विपक्ष राज्यों में जीते तो भाजपा को हराया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी को सीटें कहां से मिलेंगी? उत्तर प्रदेश से? हम भाजपा के खिलाफ अखिलेश का साथ देने के लिए यूपी जाएंगे। उन्हें बिहार, बंगाल, ओडिशा, राजस्थान, महाराष्ट्र में भी सीटें नहीं मिलेंगी।’


    दो बड़ी हार का डर
    सागरदिघी उपचुनाव में कांग्रेस ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (एम) के साथ मिलकर टीएमसी का गढ़ छीन लिया था। उस चुनाव में सीएम बनर्जी के रिश्तेदार कहे जा रहे टीएमसी उम्मीदवार देवाशीष बनर्जी की करीब 23 हजार मतों से हार हो गई थी। इसके बाद पार्टी को हल्दिया डॉक इंस्टीट्यूट स्टीयरिंग कमेटी (HDISC) चुनाव में भी 19 सीटें गंवानी पड़ी।

    पंचायत चुनाव
    पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में दस्तक देने वाले हैं। ऐसे में टीएमसी भी तैयारियों में जुटी हुई है। गुरुवार को शुरू हुए दो दिवसीय धरना प्रदर्शन को भी पंचायत चुनाव की तैयारियों के तौर पर देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि इन चुनाव में सफलता सुनिश्चित करना टीएमसी के लिए 2024 के लिहाज से काफी अहम होगा।

    जानकारों का मानना है कि पंचायत चुनाव टीएमसी सुप्रीमो की विश्वसनीयता के लिए बेहद जरूरी होंगे। साथ ही इनके जरिए संगठन स्तर पर भी पार्टी की ताकत का पता चलेगा।

    नेताओं के खिलाफ एक्शन
    बंगाल में पार्थ चटर्जी, अनुब्रत मंडल और सीएम बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी जैसे बड़े नेता केंद्रीय एजेंसियों की जांच की आंच का सामना कर रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मामले ने राष्ट्रीय स्तर पर और सरगर्मी बढ़ा दी है। 2019 के एक मामले में दोषी करार होने के बाद राहुल की लोकसभा सदस्यता जा चुकी है। साथ ही उन्हें बंगला खाली करने के भी आदेश जारी कर दिया गया है।

    बुधवार को धरना प्रदर्शन के दौरान अभिषेक बनर्जी ने भी राहुल के खिलाफ कार्रवाई का मुद्दा उठाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा। उन्होंने कहा कि ‘दीदी ओ दीदी’ कहने पर पीएम मोदी के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं हो सकता।

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