नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल (West Bengal)की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी(Chief Minister Mamata Banerjee) ने अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स(Astronaut Sunita Williams) को भारत रत्न से सम्मानित (honoured with Bharat Ratna)करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में लगभग नौ महीने बिताए और जिन कठिन चुनौतियों का सामना किया उनके लिए उन्हें यह सर्वोच्च सम्मान मिलना चाहिए। विधानसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रेस्क्यू टीम की सराहना की और उनके असाधारण प्रयासों को लेकर धन्यवाद व्यक्त किया, जिन्होंने अंतरिक्ष में फंसी हुई विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री को सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाया।
ममता बनर्जी ने कहा,”विधानसभा की ओर से हम इस दल को धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने विलियम्स और दूसरे अंतरिक्ष यात्री को सुरक्षित वापस लाने में मदद की। मैं उन्हें और सुनीता विलियम्स को भी बधाई देती हूं। मुझे लगता है कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए।”
ममता बनर्जी ने कहा कि वह स्थिति पर करीब से नजर रख रही थीं और इस घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। ममता ने कहा, “मैं अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि रखती हूं और विभिन्न स्रोतों से इसकी जानकारी ले रही थी। मैं स्थिति की हर दिन अपडेट ले रही थी और हर बदलाव पर नजर रख रही थी।”
इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर भी एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने सुनीता विलियम्स को “भारत की बेटी” करार दिया और उनकी सुरक्षित वापसी पर खुशी जताई। ममता ने लिखा, “आखिरकार सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौटने के बाद सुनीता विलियम्स और बूच विलमोर का स्वागत करते हुए हम गर्व महसूस कर रहे हैं। भारत की हमारी बेटी हमारे पास लौट आई है। हम बेहद खुश और गर्वित हैं। हम बूच विलमोर के लिए भी खुश हैं। उनके साहस को सलाम, उनकी वापसी को सलाम, मानवता के गौरव को सलाम!”
मुख्यमंत्री के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक भी विधानसभा में अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी का जश्न मना रहे थे। विधायक शंकर घोष के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने विधानसभा परिसर में सुनीता विलियम्स के चित्रों के साथ ‘अभिनंदन सुनीता विलियम्स’ लिखे हुए पोस्टर लगाए। घोष ने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी से अनुरोध किया कि सुनीता विलियम्स को बधाई देने के लिए एक सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया जाए। अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह के किसी प्रस्ताव को मुख्यमंत्री और सदन की नेता की उपस्थिति में ही पेश किया जाएगा।
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