नई दिल्ली (New Delhi)। पश्चिम बंगाल (West Bengal’s) की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी (ruling Trinamool Congress (TMC) chief Mamata Banerjee) और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (former Congress president Rahul Gandhi) कुछ दिन पहले तक इंडिया गठबंधन (India alliance.) की बैठकों में साथ-साथ नजर आ रहे थे. अब ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने 2024 का लोकसभा चुनाव में अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है. दीदी के इस दांव के बाद कांग्रेस बैकफुट पर आ गई है।
कांग्रेस डैमेज कंट्रोल के मोड में है वहीं ममता बनर्जी के तेवर नरम पड़ते नहीं नजर आ रहे हैं. अब टीएमसी और कांग्रेस के बीच दूरियां किस कदर बढ़ गई हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ममता के राज्य में पुलिस-प्रशासन ने राहुल गांधी को जनसभा करने की अनुमति तक नहीं दी।
राहुल गांधी मणिपुर से महाराष्ट्र तक भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकले हैं. राहुल गांधी की यह यात्रा पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर चुकी है. कांग्रेस ने सिलीगुड़ी में राहुल गांधी की जनसभा के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी थी लेकिन नहीं मिली. इसे लेकर पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि यात्रा के बंगाल में आने के बाद हमने एक छोटा सा निवेदन किया था. निवेदन किया था कि सिलीगुड़ी में एक जनसभा की अनुमति दी जाए लेकिन प्रशासन ने इसके लिए अनुमति नहीं दी।
उन्होंने लगे हाथ पुलिस-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा दिए. अधीर ने कहा कि बंगाल में अगर सत्ताधारी पार्टी के विरोध में कुछ होता है तो पुलिस तुरंत एक्शन ले लेती है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि राहुल गांधी की यह न्याय यात्रा पूरे देश के लिए है. यह यात्रा किसी के पक्ष या विपक्ष में नहीं है. अधीर ने कहा कि एक ताकत है जो देश को तोड़ना चाहती है, नफरत फैलाना चाहती है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने उस ताकत के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए पहले कन्याकुमारी से कश्मीर और अब मणिपुर से महाराष्ट्र तक यात्रा का निर्णय लिया।
अधीर ने कहा कि राहुल गांधी ने जब कन्याकुमारी से कश्मीर तक यात्रा की, तब कोई दिक्कत नहीं हुई जैसी असम और मणिपुर में हुई. उन्होंने यह भी कहा कि जहां-जहां डबल इंजन की सरकार है, वहां-वहां राहुल गांधी की न्याय यात्रा में रुकावट लाने की कोशिशें की जा रही हैं. यह सबको पता है. पता नहीं क्यों ऐसा हो रहा है. अधीर ने टीएमसी का नाम नहीं लिया लेकिन प्रशासन और न्याय यात्रा में आ रही रुकावटों के बहाने डबल इंजन सरकार की कैटेगरी में खड़ा कर गए।
गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने कांग्रेस को दो लोकसभा सीटें ऑफर की थीं. अधीर ने तब कहा था कि हमें भीख नहीं चाहिए. हम दो सीटें अकेले चुनाव लड़कर ही जीते थे और फिर से जीत सकते हैं. सीट शेयरिंग को लेकर तल्खी के बीच ममता बनर्जी ने 2024 के चुनावी रण में अकेले उतरने का ऐलान कर दिया था।
ममता के ऐलान के पीछे भी अधीर रंजन चौधरी की बयानबाजियों और दीदी को लेकर आक्रामक तेवरों को प्रमुख वजह बताया जा रहा था. ममता के ऐलान के बाद कांग्रेस डैमेज कंट्रोल करने, दीदी को मनाने के मोड में नजर आ रही थी लेकिन अब राहुल को सभा की इजाजत नहीं दिए जाने के बाद दोनों दलों के बीच तल्खी और बढ़ती नजर आ रही है।
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