कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री (West Bengal CM) ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) हिंसा प्रभावित मणिपुर (Violence-hit Manipur) का दौरा करने के लिए (To Visit) केंद्र की अनुमति लेंगी (To Seek Centre’s Permission) । ममता बनर्जी ने मीडिया के एक वर्ग से यह बात कही।
केंद्र पर इस मुद्दे की उपेक्षा करने का आरोप लगाने के बाद उन्होंने राज्य का दौरा करने और प्रभावित लोगों और पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़े होने की इच्छा व्यक्त की। इससे पहले, उन्होंने भाजपा और केंद्र पर अन्य आदिवासी पृष्ठभूमि के लोगों के खिलाफ कुर्मी समुदाय के लोगों को भड़काकर पश्चिम बंगाल में मणिपुर जैसी जातिगत हिंसा को भड़काने का प्रयास करने का भी आरोप लगाया था।
कुछ दिनों पहले तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के काफिले पर कथित तौर पर कुर्मी समुदाय के कुछ सदस्यों द्वारा किए गए हमले के बाद मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर यह आरोप लगाया था। इससे पहले उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार की लापरवाही और केंद्रीय मंत्रियों के मणिपुर जाने से अनिच्छा के कारण वहां स्थिति बिगड़ी है।
मणिपुर में 3 मई को संघर्ष शुरू होने के बाद से अब तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। सुरक्षा बलों और भारतीय सेना के जवानों की भारी तैनाती के बावजूद वहां स्थिति अभी भी नियंत्रण में नहीं है। ऐसे में केंद्र सरकार से वहां जाने की अनुमति लेने के मुख्यमंत्री के फैसले से राज्य के राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई है।
भाजपा नेतृत्व ने मुख्यमंत्री के मणिपुर दौरे के प्रस्ताव को पश्चिम बंगाल में बिगड़ती कानून व्यवस्था से ध्यान भटकाने का प्रयास बताया है। राज्य के वरिष्ठ भाजपा नेता राहुल सिन्हा के अनुसार, मुख्यमंत्री को मणिपुर समस्या को हल करने के लिए पहल करने के बजाय पहले अपने राज्य में हिंसा को नियंत्रित करने का प्रयास करना चाहिए। सिन्हा ने कहा, बल्कि मुझे लगता है कि वहां उनकी मौजूदगी से स्थिति और खराब होगी।
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