नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections) में नंदीग्राम सीट से बीजेपी नेता शुवेंदु अधिकारी ( Suvendu Adhikari) से हारने के बाद अब सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) भवानीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकती हैं।
खबर है कि भवानीपुर विधानसभा सीट से उन्हें चुनाव लड़ाने के लिए विधायक शोभन देव चटर्जी इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि भवानीपुर पहले भी ममता बनर्जी के पारंपरिक सीट रही है। नियमों के मुताबिक छह महीने के अंदर ममता बनर्जी को किसी भी जगह से चुनाव जीत कर विधानसभा सदस्य बनना होगा।
इस्तीफा देने से पहले शोभादेव ने कहा कि मुख्यमंत्री को छह महीने के भीतर किसी भी विधानसभा सीट से जीत हासिल करनी है। मैं उनकी सीट पर खड़ा हुआ था और जीत गया। मैं विधायक का पद इसलिए छोड़ रहा हूं ताकि वह निष्पक्ष तरीके से चुनाव जीत सकें और मुख्यमंत्री बनी रहें। ममता बनर्जी की जीत हम सभी के लिए है।
इससे पहले 2011 में सुब्रत बोक्शी ने तृणमूल के टिकट पर चुनाव जीतकर भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र से इस्तीफा दे दिया था। बाद में यहां हुए उपचुनाव में ममता बनर्जी जीत मिली थी। उसके बाद 2016 में भी उन्होंने यहां जीत हासिल की। हालांकि इस बार ममता ने नंदीग्राम चुनाव लड़ा और वहां से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
क्या कहता है नियम
अनुच्छेद 164 कहता है, ‘एक मंत्री जो लगातार छह महीने तक किसी राज्य के विधानमंडल का सदस्य नहीं होता है, वह इस समयसीमा के खत्म होने के बाद मंत्री नहीं बन सकता। इसका मतलब है कि ममता बनर्जी के पास विधायक बनने के लिए 6 महीने का समय है। पश्चिम बंगाल में चूंकि विधान परिषद नहीं है ऐसे में ममता बनर्जी को 6 महीने के अंदर किसी खाली सीट से नामांकन दाखिल करना होगा और उपचुनाव जीतकर विधायक बनना होगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved