मुंबई। पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) की मुलाकात के बाद देश में एक नए राजनीतिक फ्रंट की आहट सुनाई दे रही है। दरअसल विपक्षी दलों के गठबंधन यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस (UPA) को ममता बनर्जी अब कोई भाव नहीं दे रही हैं। बुधवार को शरद पवार के बगल में खड़े होकर ममता बनर्जी ने प्रेस से कहा- ‘UPA क्या? अब कोई UPA नहीं बचा है। हम साथ बैठेंगे और निर्णय करेंगे कि नया ब्लॉक कैसे बनाया जाए।’
शरद पवार के साथ ममता बनर्जी की मुलाकात करीब 10 मिनट तक चली. इस दौरान उनके साथ तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी भी मौजूद थे। ममता बनर्जी का ये वक्तव्य निश्चित तौर पर यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिए कान खड़े करने वाला है। दरअसल इस साल जुलाई महीने में सोनिया और ममता की मुलाकात हुई थी जिसमें दोनों नेताओं ने 2024 में बीजेपी को हराने के लिए एकजुट विपक्ष को लेकर चर्चा की थी।
क्या ये कांग्रेस के लिए धक्का है?
ममता इकलौती नेता नहीं हैं जिन्होंने देश की सबसे पुरानी पार्टी को झटका दिया है। असम, गोवा और मेघालय में कई टॉप कांग्रेसी नेताओं ने तृणमूल ज्वाइन कर कांग्रेस को झटका दिया है। सबसे ताजा मामला मेघालय के सीनियर पार्टी नेता मुकुल सांगमा का है। सांगमा के तृणमूल ज्वाइन करने के बाद अब कांग्रेस की बजाए TMC मेघालय में मुख्य विपक्षी पार्टी बन चुकी है। सांगमा के अलावा 11 अन्य पार्टी विधायकों ने तृणमूल ज्वाइन की है।
क्या ममता-सोनिया के बेहतर संबंधों का अंत हो रहा है?
शरद पवार के घर के बाहर प्रेस से ममता बनर्जी ने कहा- हम एक मजबूत और एकजुट विपक्ष बनाना चाहते हैं. लेकिन हम ऐसा उस पार्टी के साथ मिलकर नहीं कर सकते जो जमीन पर लड़ाई के लिए तैयार ही नहीं है. कुछ इसी तरह की बात ममता ने मुंबई में सिविल सोसायटी के एक कार्यक्रम के दौरान भी कही. उन्होंने कहा-अगर आप आधा समय विदेशों में रहना चाहते हैं, तो आप भारत में राजनीति कब करेंगे? आपको लगातार राजनीतिक गतिविधियों से जुड़े रहना होगा।
उन्होंने कहा- आम चुनावों के दौरान विपक्षी पार्टियों के लिए एक साझा कार्यक्रम तय किया जाएगा. मैं अभी इस बात की जानकारी नहीं देना चाहती. मैं नहीं चाहती कि हमारे विरोधी इसके खिलाफ रणनीति तैयार करें।
ममता की बात से सुर मिलाते हुए शरद पवार ने भी कहा है- हमें एक ऐसा मजबूत विपक्ष तैयार करना होगा जिसमें देश के लोग अपना भरोसा जता सकें. हम विपक्षी एकता के रास्ते पर चलेंगे जिससे बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया जा सके।
दिलचस्प बात ये है कि 9 सांसदों वाली NCP अब भी UPA का हिस्सा है। हालांकि ममता बनर्जी की तृणमूल के संबंध यूपीए-2 में 2012 में खराब हो गए थे। यूपीए से ममता के संबंध रिटेल में एफडीआई के मुद्दे पर बिगड़े थे। इस वक्त देश की 19 राजनीतिक पार्टियां यूपीए का हिस्सा हैं, जिसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। हालांकि यूपीए की आधिकारिक मुलाकात 2019 के आम चुनावों के बाद नहीं हुई है।
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