इंदौर। इंदौर से वैष्णोदेवी की यात्रा पर जाने वाले यात्री कल शाम की बजाय आज सुबह 13 घंटे की देरी से पहुंच पाए। इसका कारण ट्रेन को जगह-जगह रोकना बताया जा रहा है। पंजाब में किसान आंदोलन चल रहा है और विशेषकर अंबाला के आसपास इसका प्रभाव है। इसलिए कई ट्रेनों के मार्ग में रेलवे ने परिवर्तन किया है। इनमें इंदौर से चलने वाली मालवा एक्सप्रेस भी प्रभावित हो रही है। हालात यह है कि ट्रेन को किसी भी स्टेशन पर भरी गर्मी में खड़ा कर दिया जाता है और यात्री भूख-प्यास से बेहाल हो जाते हैं, क्योंकि छोटे-छोटे स्टेशनों पर खानपान का सामान नहीं मिलता है और न ही कैंटीन होती है, जहां से यात्री अपना पेट भर सके।
इंदौर से 200 से अधिक श्रद्धालुओं का जत्था शनिवार को रवाना हुआ था, जो आज सुबह कटरा पहुंच पाया। रास्ते में टोह स्टेशन पर ट्रेन को बीच की पटरी पर खड़ा कर दिया गया और यात्रियों से कहा गया कि वे ट्रेन से नहीं उतरे, ट्रेन कभी भी चल सकती है। ट्रेन वहीं तीन घंटे खड़ी रही। यही नहीं जिस लुधियाना स्टेशन पर ट्रेन सुबह 10.40 बजे पहुंच जाती है, वह यह रात को पहुंची। यात्री परेशान होते रहे और ट्रेन में पानी भी खत्म हो गया। यात्रियों का कहना था कि कम से कम प्लेटफार्म साइड ट्रेन को खड़े करना चाहिए, ताकि यात्री वहां उतरकर अपनी जरूरत का सामान खरीद सके। ट्रेन रोज ही देरी से पहुंच रही है, जिसके कारण हजारों श्रद्धालु भरी गर्मी में परेशान हो रहे हैं।
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