डेस्क: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में crpc की धारा 156(3) के तहत जांच की कोई जरूरत नहीं है. हालांकि, अदालत ने इस मामले पर संज्ञान जरूर लिया है. दरअसल, अप्रैल 2023 में खरगे ने कर्नाटक में एक चुनावी रैली में BJP-RSS के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था.
उनके इस बयान के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी. अदालत ने कहा कि इस मामले में आरोपियों से हिरासत में पूछताछ की जरूरत नहीं है. इसलिए इस आवेदन को खारिज किया जाता है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में एफआईआर की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि शिकायतकर्ता के पास सारे सबूत हैं. उन्हें इकट्ठा करने के लिए पुलिस की किसी सहायता की जरूरत नहीं है.
अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता आरएसएस सदस्य है, इसलिए वह इन टिप्पणियों से व्यथित हैं. इस मामले में शिकायतकर्ता के पास आरोपियों के साथ-साथ उन गवाहों का पूरा विवरण है, जिनकी जांच की जानी है. इस मामले में पुलिस जांच की कोई जरूरत नहीं है. आरएसएस के सदस्य रविंदर गुप्ता ने शिकायत दर्ज की थी. मल्लिकार्जुन खरगे ने 27 अप्रैल 2023 को अपने भाषणा में बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था. कर्नाटक के गडग के नारेगल में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते उन्होंने हुए पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी.
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