नई दिल्ली। गुलाम नबी आजाद की राज्यसभा से विदाई के बाद कांग्रेस ने शुक्रवार को विपक्ष के अगले नेता के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे को चुन लिया है। कांग्रेस पार्टी की ओर से नामांकन पत्र मिलने के बाद इसकी पुष्टि राज्यसभा के सभापति एवं उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के द्वारा की गई।
बता दें कि कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले दलित नेता मल्लिकार्जुन खड़गे 2014 से 2019 के बीच लोकसभा में कांग्रेस के नेता रह चुके हैं। खड़गे 2019 में लोकसभा का चुनाव हार गए थे जिसके बाद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया था।
गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा के सदस्य हैं। वह करीब 41 सालों से संसदीय राजनीति में हैं। वह साल 2014 से राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं। वह पांच बार राज्यसभा और दो बार लोकसभा सांसद रहे।
मल्लिकार्जुन खड़गे का जन्म कर्नाटक के बीदर जिले में हुआ था। उन्होंने गुलबर्गा के नूतन विद्यालय से स्कूली शिक्षा पूरी की, उसके बाद गुलबर्गा के सेठ शंकरलाल लाहोटी के सरकारी लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की।
खड़गे की राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक छात्र संघ नेता के रूप हुई। पहले कर्नाटक के गुलबर्गा शहर के गवर्नमेंट कॉलेज में उन्हें छात्रों के महासचिव के रूप में चुना गया। वकालत की डिग्री होने की वजह से वर्ष 1969 में, उन्हे एमएसके मिल्स एम्प्लाइज यूनियन के कानूनी सलाहकार की जिम्मेदारी दी गई। वे कर्नाटक में रहकर मजदूरों की आवाज जोर शोर से उठाते रहे और उन्हें मजदूरों के बीच में अच्छी पहचान मिली।
1969 में ही वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए और गुलबर्गा शहर कांग्रेस समिति के अध्यक्ष बने। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस में कई अहम पदों की जिम्मेदारी निभाई।
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