- कई वर्षों से हो रही थी सिर्फ घोषणा-मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लिया निर्णय-उज्जैन में मलखंब और जिमनास्टिक के हैं राष्ट्रीय खिलाड़ी
उज्जैन। शहर में मल्लखंब और जिमनास्टिक की अकादमी खोलने के लिए कई वर्षों से घोषणाएँ की जा रही थी। कई स्थानों पर जमीने भी देखी गई लेकिन अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्णय लिया है कि उज्जैन में अकादमी स्थापित की जाएगी।
मध्यप्रदेश में अब मलखंब और जिम्नास्टिक को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए उज्जैन में मल्लखंब और जिम्नास्टिक अकादमी की स्थापना की जाएगी। उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को शैक्षणिक योग्यता के आधार पर खेल कोटे से नौकरी भी दी जाएगी। उज्जैन में मल्लखंब एवं जिमनास्टिक की अकादमी खुलने के बाद प्रदेशभर के खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उज्जैन से प्रशिक्षण प्राप्त कर यह खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलेंगे। अकादमी में इसके लिए उच्च स्तरीय कोच भी रखे जाएँगे। उज्जैन में मलखंब एवं जिमनास्टिक के कई राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं।
उज्जैन ने देशभर में मल्लखंभ का दम दिखाया है। 1967-68 में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में विक्रम विवि को सिल्वर मेडल मिला। शेखर बनाफर ने व्यक्तिगत रूप से कांस्य पदक जीता। 1971-72 में आईआईटी मुंबई में यूनिवर्सिटी की टीम ने भागीदारी की। इसमें शामिल मनोहरलाल झाला ने व्यक्तिगत रूप से पहला स्थान हासिल किया। उन्होंने 1972 से 1977 तक व्यक्तिगत रूप से गोल्ड जीता। 1973-74 में अगरतला में नेशनल टूर्नामेंट में मनोहर सिंह झाला सीनियर वर्ग में प्रथम, केएस श्रीवास्तव जूनियर वर्ग में प्रथम आए। 1974-75 में झांसी में नेशनल टूर्नामेंट में मनोहरसिंह झाला को सिल्वर मेडल मिला। टीम दूसरे स्थान पर रही। 2018 में समर्थ व्यायामशाला दादर, मुंबई में मल्लखंभ का पहला वल्र्ड कप हुआ था जिसमें शहर के दो खिलाड़ी पूजा मालवीय व रजनीश पंवार लोकमान्य तिलक सांस्कृतिक न्यास की ओर से शामिल हुए थे। पूजा मालवीय को गोल्ड मेडल मिला था। 1980 में हुई थी पहली स्पर्धा 1980 में महाराजवाड़ा खेल सेंटर पर पहली प्रतियोगिता हुई। इसमें बिहार, उप्र, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, पं. बंगाल की टीम आई। 1981 में दूसरी नेशनल स्पर्धा अच्युतानंद व्यायामशाला में हुई थी। सीएम ने बताया कि प्रदेश में मल्लखंब और जिम्नास्टिक को प्रोत्साहित करने के लिए उज्जैन में दोनों के लिए अलग-अलग अकादमी बनाई जाएँगी। खेल एवं युवक कल्याण विभाग के अधिकारियों की बैठक में इस संबंध में निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पर्यटन और वन के साथ जोड़कर स्पोर्ट्स एडवेंचर के रूप में मुख्य खेलों में शामिल करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि एमपी के हर जिले में बड़े स्टेडियम बनाए जाएं, जहाँ से हेलिकॉप्टर भी उड़ सकें।