एनसीपी नेता (NCP leader) और महाराष्ट्र (Maharashtra) के मंत्री नवाब मलिक (Minister Nawab Malik) ने बुधवार को हुई अपनी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस (press conference) में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस (BJP leader Devendra Fadnavis) और पूर्व में रही उनकी सरकार (Governemnt) में हुए कामो पर निशाना साधा। नवाब मलिक ने कहा कि एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े को बचाने की कोशिश हो रही है। वहीं, उन्होंने देवेंद्र फडणवीस की तरफ से लगाए सभी आरोपों को खारिज करते हुए बीजेपी नेता पर ही आरोपों की झड़ी लगा दी और यह तक कहा कि फडणवीस जाली नोटों के धंधे को बढ़ावा दे रहे थे और उनके इशारे पर मुंबई में उगाही हो रही थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दाऊद के करीबी रियाज भाटी को देवेंद्र फडणवीस का संरक्षण हासिल था। फडणवीस की ओर से मुंबई धमाकों के आरोपी से जमीन खरीदने के आरोप पर नवाब मलिक ने कहा कि उन्होंने कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए जमीन खरीदी थी।
नवाब मलिक ने यह भी कहा कि जब आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी हुई। मोदी जी ने कहा नोटबंदी इसलिए कहा जा रहा है कि आतंकवाद, काला धन खत्म होगा। उन्होंने कहा था कि बड़े पैमाने पर फर्जी नोट हैं जिन्हें खत्म करने के लिए नोटबंदी की गई। मध्य प्रदेश, तमिलनाडु में जाली नोट पकड़े जाने लगे इसके बाद लेकिन आठ अक्टूबर 2017 तक, लगभग एक साल तक जाली नोट का एक भी मामला सामने नहीं आया क्योंकि देवेंद्र जी के प्रोटेक्शन में जाली नोट का कारोबार महाराष्ट्र में चल रहा था। मुख्यमंत्री रहते हुए देवेंद्र फडणवीस ने सारे अपराधियों को सरकारी पदों पर बैठाया। मलिक ने कहा कि हम प्रधानमंत्री पर आरोप नहीं लगाना चाहते लेकिन रियाज भाटी उनके कार्यक्रम में कैसे पहुंच गया, उसे पीएम के कार्यक्रम का पास कैसे मिल गया। बता दें कि रियाज भाटी अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद का करीबी है और उसके पास से डबल पासपोर्ट मिला था। मलिक ने पूछा कि डबल पासपोर्ट मिलने के बावजूद रियाज भाटी को दो दिन में कैसे छोड़ दिया गया। उन्होंने पूछा कि रियाज भाटी फरार है, मुन्ना यादव पर मुकदमे हैं तो ये फडणवीस के साथ कैसे दिखते थे। उन्होंने यह भी कहा कि जाली नोटों का नेक्सस पाकिस्तान से लिंक है।
नवाब मलिक ने कहा कि आठ अक्टूबर 2017 को डीआरआई ने छापेमारी की और 14.56 करोड़ रुपये के फर्जी नोट बरामद किए लेकिन इस केस को तत्कालीन मुख्यमंत्री फडणवीस ने कमजोर बनाया। उन्होंने सिर्फ 8.80 लाख रुपये के नोटों की जब्ती ही सार्वजनिक की। मुंबई से गिरफ्तार हुए एक आरोपी इमरान आलम शेख को जमानत मिल गई और कोई जांच नहीं हुई। मलिक ने बताया कि शेख बीजेपी नेता हाजी अराफत शेख का छोटा भाई है। हाजी अराफत शेख को फडणीस सरकार में अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाया गया।
मलिक ने सवाल उठाते हुए यह भी कहा कि ये इत्तेफाक है कि उस केस के इनचार्ज भी समीर वानखेड़े ही थे। उस समय वह डीआरआई के जॉइंट कमिशनर (इंटेलिजेंस) थे। नवाब मलिक ने पूछा कि क्या फडणवीस उस वानखेड़े से ध्यान भटकाने के लिए, जिसके खिलाफ गंभीर आरोप हैं और एसआईटी जांच कर रही है, मुझपर आरोप लगा रहे हैं।
मंगलवार को ही बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने नवाब मलिक पर पलटवार किया था और आरोप लगाया था कि मलिक के बेटे का अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ लिंक है। फडणवीस ने दावा किया कि नवाब मलिक ने अंडरवर्ल्ड के उन लोगों से जमीन खरीदी थी, जो कि 93 के बम ब्लास्ट केस में दोषी पाए गए थे। उन्होंने सवाल किया कि आखिर नवाब मलिक ने मुंबई में बम धमाके करने वालों से क्यों जमीन खरीदी? विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक और उनके परिवार पर 2005 में दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पार्कर के ‘फ्रंट मैन’ मोहम्मद सलीम पटेल और 1993 के विस्फोट के दोषी बादशाह खान से 2.80 एकड़ का प्लॉट खरीदने का आरोप लगाया। देवेन्द्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में ही कहा कि आज मैं जो कहूंगा वह बहुत गंभीर और राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मसला है।
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