इंदौर। इंदौर कलेक्टर द्वारा दलालों के खिलाफ चलाए गए अभियान के बाद अपना घर सुधारो अभियान के तहत तहसीलदारों और अधिकारियों को सारे प्रोटोकाल से मुक्त कर जनता के कार्य करने के लिए कार्यालय में उपस्थित रहने और पेंडिंग प्रकरणों के निपटारे के निर्देश दिए जाने के बाद ऐसे आश्चर्यजनक परिणाम सामने आए कि पिछले एक माह में ही इंदौर शहर की सभी तहसीलों के 10852 प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया। इससे जनता को अभूतपूर्व राहत मिली। प्रकरण निपटाने में भी अधिकारियों ने ऐसी प्रतिस्पर्धा दिखाई कि इंदौर के मल्हारगंज और जूनी इंदौर क्षेत्र के सर्वाधिक प्रकरण निपटे तो ग्रामीण क्षेत्र में बेटमा और महू ने बाजी मारी।
जिला प्रशासन द्वारा पिछले डेढ़ माह से रेवेन्यू प्रकरणों के निराकरण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसका परिणाम यह है कि साढ़े दस हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। हालांकि इनमें भी ग्रामीण क्षेत्र की तहसीलों ने बाजी मारी। सबसे ज्यादा प्रकरणों का निराकरण जहां बेटमा तहसील में किया गया, वहीं दूसरे नंबर पर महू तहसील आई। अपर कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने बताया कि इंदौर सहित महू, सांवेर, देपालपुर एवं हातोद के एसडीएम, तहसीलदार सहित पूरा राजस्व अमला राजस्व प्रकरणों के समाधान के लिए देर रात तक कार्य करता रहा, जिसका परिणाम यह रहा कि पिछले डेढ़ माह में 10852 प्रकरणों का निराकरण हो गया।
किस तहसील में कितने प्रकरण निपटे
सबसे ज्यादा बेटमा तहसील में 972 प्रकरणों का समाधान किया जा चुका है। महू तहसील में 949 प्रकरणों का निपटारा किया गया। इसी तरह तहसीलदार सांवेर के यहां 780, नायब तहसीलदार मल्हारगंज 580, नायब तहसीलदार शिप्रा 521, तहसीलदार जूनी इंदौर 507, नायब तहसीलदार महू 480, तहसीलदार हातोद 456, तहसीलदार कनाडिय़ा 424, तहसीलदार राऊ 422, नायब तहसीलदार राऊ 360, तहसीलदार खुड़ैल 329, तहसीलदार हातोद 320, नायब तहसीलदार सांवेर 318, तहसीलदार बिचौली हप्सी 271, तहसीलदार मल्हारगंज 259, नायब तहसीलदार गौतमपुरा 164, नायब तहसीलदार खुड़ैल 158, नायब तहसीलदार जूनी इंदौर 158, नायब तहसीलदार बिचौली हप्सी 133, नायब तहसीलदार देपालपुर 129, नायब तहसीलदार सिमरोल के यहां भी 129 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है।
अभी भी 10552 प्रकरण पेंडिंग… दिसम्बर तक निराकरण
अभी भी इंदौर जिले में कुल 10552 प्रकरण पेंडिंग हैं, जिनका निराकरण करने के लिए राजस्व अमला देर रात तक कार्य कर रहा है। प्रयास यही है कि हर हाल में 31 दिसंबर तक सभी प्रकरणों का समाधान कर लिया जाए, लेकिन लगता नहीं कि सभी का निराकरण हो पाएगा, क्योंकि डेढ़ माह में जब 10852 प्रकरणों का निराकरण हुआ है तो 10552 प्रकरणों का निराकरण करने के लिए कम से कम इतना समय तो लगेगा ही।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved