नई दिल्ली । भारत (India) की चार दिवसीय यात्रा पर आए मालदीव (Maldives) के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (President Mohamed Muizzu) ने रविवार को दिल्ली पहुंचने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreign Minister S. Jaishankar) से मुलाकात की. मुइज्जू से मुलाकात के बाद जयशंकर ने X पर एक पोस्ट में कहा कि भारत की राजकीय यात्रा की शुरुआत में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात कर खुशी हुई. मैं भारत-मालदीव संबंधों को बढ़ाने के लिए उनकी प्रतिबद्धता की सराहना करता हूं, मुझे विश्वास है कि कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी वार्ता हमारे मैत्रीपूर्ण संबंधों को नई गति प्रदान करेगी.
Pleased to call on President @MMuizzu today at the start of his State Visit to India.
Appreciate his commitment to enhance 🇮🇳 🇲🇻 relationship. Confident that his talks with PM @narendramodi tomorrow will give a new impetus to our friendly ties. pic.twitter.com/UwDjnCZ0t6
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 6, 2024
इससे पहले रविवार को मुइज्जू दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरे और उनके साथ मालदीव की प्रथम महिला साजिदा मोहम्मद भी थीं. यह मुइज्जू की चार महीनों में भारत की दूसरी राजकीय यात्रा और उनकी पहली द्विपक्षीय यात्रा है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि 6 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक भारत की अपनी यात्रा के दौरान मुइज़ू राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और आपसी हितों के अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे. मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू मुंबई और बेंगलुरु भी जाएंगे, जहां वे व्यापारिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी देश है और प्रधानमंत्री मोदी के ‘SAGAR’ (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन) और भारत की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी के तहत एक खास जगह रखता है.
मुइज्जू के मालदीव के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत और मालदीव के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. विशेष रूप से मुइज्जू अपने ‘इंडिया आउट’ अभियान के आधार पर सत्ता में आए थे, जहां उन्होंने मालदीव से भारतीय सैनिकों और सहायक कर्मचारियों की वापसी की मांग की थी.
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