नई दिल्ली (New Delhi) । सत्ता परिवर्तन के बाद से मालदीव और भारत (Maldives and India) के साथ रिश्तों में खटास देखने को मिली है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के लक्षद्वीप दौरे के बाद से तो दोनों देशों के संबंधों में बड़ी दरार पड़ गई. ताजा घटनाक्रम में मालदीव की जम्हूरी पार्टी (जेपी) के नेता कासिम इब्राहिम (Qasim Ibrahim) ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (President Mohammed Muizzu) से पीएम मोदी और भारत के लोगों से औपचारिक रूप से माफी मांगने के लिए कहा है.
स्थानीय मीडिया हाउस वॉइस ऑफ मालदीव के हवाले से बताया गया कि मालदीव के तीन नेताओं ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद मालदीव और भारत के संबंधों में तनाव के बीच कासिम इब्राहिम का ये बयान आया है.
क्या कहा कासिम इब्राहिम ने?
मालदीव के विपक्षी नेता ने कहा, “किसी भी देश के बारे में, खासतौर पर पड़ोसी देश के बारे में इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए जिससे रिश्तों पर असर पड़े. हमारे देश के प्रति हमारा दायित्व है जिस पर हमें विचार किया जाना चाहिए. राष्ट्रपति सोलिह ने इस दायित्व पर विचार किया और “इंडिया आउट” अभियान पर प्रतिबंध लगाने वाला एक राष्ट्रपति आदेश जारी किया.”
उन्होंने आगे कहा, “अब, यामीन सवाल कर रहे हैं कि इंडिया आउट अभियान में उनके साथ भाग लेने वाले मुइज्जू ने राष्ट्रपति के फैसले को रद्द क्यों नहीं किया है. इस फरमान को रद्द नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे केवल राष्ट्र को नुकसान होगा. मैं मुइज्जू से कहूंगा कि ऐसा नहीं करना चाहिए. साथ ही, मैं राष्ट्रपति मुइज्जू से चीन यात्रा के बाद अपनी टिप्पणियों के संबंध में भारत सरकार और प्रधान मंत्री मोदी से औपचारिक रूप से माफी मांगने का आह्वान करता हूं.”
भारत और मालदीव के बीच तनाव की वजह
दरअसल, पीएम मोदी ने लक्षद्वीप की यात्रा की थी और देश के नागरिकों से कहा था कि देश के लोगों को देश की जगहों पर घूमना चाहिए. इसके बाद से ही मालदीव आग बबूला हो गया और वहां के मंत्री इसका विरोध करने लगे. इसके बाद भारत के लोगों ने बायकॉट मालदीव का हैशटैग चला दिया. इस दौरान मालदीव जाने वाली कई फ्लाइट्स और होटल बुकिंग भी कैंसिल कर दी गईं.
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