माले: इजरायल (Israel) के गाजा (Gaza) पर हमले के कारण मालदीव (Maldives) ने इजरायली पासपोर्ट (passport) धारकों के देश में आने पर रोक लगा दी है। इसे लेकर मालदीव के अंदर ही सहमति नहीं बन पा रही है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. अब्दुल्ला फिरोश (Minister of Higher Education Dr. Abdullah Firosh) ने इजरायली पासपोर्ट के साथ मालदीव में प्रवेश पर रोक लगाने के लिए कानून में संशोधन करने के कैबिनेट (Cabinet) के फैसले का विरोध किया है। फिलिस्तीनी (Palestinians) लोगों पर लगातार गाजा में हमले को लेकर मुइज्जू सरकार ने इजरायली पासपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। पिछले छह महीने से मालदीव की जनता की डिमांड के बाद यह आया है।
मालदीव के लिए बताया नुकसान
उन्होंने कहा कि इजरायली पासपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने से देश के मुसलमानों और दोहरी नागरिकता वाले व्यक्तियों को मालदीव आने से रोका जा सकेगा। इसके अलावा ये फैसला मालदीव की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाएगा और राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। मालदीव की 98 फीसदी से ज्यादा आबादी मुस्लिम है। यहां इजरायल के खिलाफ एक्शन को लेकर बयान देने पर फिरोश को आलोचना का सामना करना पड़ा। उनके पोस्ट की कई लोग सोशल मीडिया पर आलोचना कर रहे हैं।
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फिरोश को मिला शिक्षा मंत्रालय
फिरोश को इस साल जनवरी में उच्च शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें वेतन के रूप में सरकार की ओर से प्रति माह 43,500 एमवीआर (2.33 लाख रुपए) का भुगतान किया जाता है। इससे पहले फिरोश पुलिस में थे। 20 साल की सेवा के बाद 2021 में उन्होंने रिटायरमेंट ले ली। हालांकि संसद ने माना कि गृह मंत्रालय उनके रिटायरमेंट से पहले गंभीर आरोपों पर विचार करने में विफल रहा था। मजलिस का फैसला संसद के तत्कालीन अध्यक्ष मोहम्मद नशीद की ओर से फिरोश की रिटायरमेंट पर प्रस्तुत एक मामले में आया था।
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