माले: चीन (China) के गुलाम मोहम्मद मुइज्जू (Mohammed Muizz) के राष्ट्रपति (President) बनने के बाद मालदीव (Maldives) और भारत (India) के संबंधों में आई कड़वाहट धीरे-धीरे कम होती नजर आ रही है। अब मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन (Defense Minister Mohammed Ghassan) ने भारत को पारंपरिक साझेदार बताया और कहा कि माले लगातार नई दिल्ली के साथ लगातार संवाद जारी रखे हुए हैं। सिंगापुर में इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटजिक स्टडीज की तरफ से आयोजित शांगरी-ला डायलॉग में बोलते हुए घासन ने भारत के साथ इसी साल हुए रक्षा अभ्यास के बारे में बताकर नई दिल्ली से दोस्ती का संकेत दिया। इस दौरान घासन ने चीन का नाम लिए बिना नए दोस्त बनाने का भी बचाव किया।
रक्षा सहयोग को बताया जरूरी
घासन ने आगे कहा कि सभी छोटे देश अपनी स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को सुरक्षित रखने का प्रयास करते हैं। राष्ट्रपति मुइज्जू की रक्षा प्राथमिकता में अपनी सेना की क्षमता को इस तरह से तैयार करना है कि वह मालदीव की शांति, स्थायित्व और सुरक्षा को सुनिश्चित कर सके। घासन ने हिंद महासागर में नेविगेशन की स्वतंत्रता के लिए मालदीव की सेना नेशनल डिफेंस फोर्स (MNDF) के मजबूत होने की जरूरत बताई और कहा कि इसके लिए क्षेत्रीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने की जरूरत है।
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इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर से मुइज्जू का पुराना राग दोहराया कि रक्षा सहयोग में मालदीव की जमीन पर विदेशी सैन्य मौजूदगी नहीं शामिल होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी उम्मीद है कि हमारे दोस्त और साझेदार लोकतांत्रिक फैसले का सम्मान करेंगे और तब हम गहरा और व्यापक क्षेत्रीय सहयोग जारी रख सकेंगे, जो मालदीव और हमारे साझेदारों के लिए उपयोगी होगा।
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