नई दिल्ली: मालदीव और भारत के बीच चल रहे तनाव के बीच एक बार फिर भारत को बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है. मालदीव के रक्षा मंत्रालय ने भारतीय पायलट को मालदीव में हेलिकॉप्टर उड़ाने की मंजूरी दी है. मालदीव के इस फैसले से चीन के चिढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि चीन भारत के साथ मालदीव के संबंध को खत्म कराना चाहता है.
मालदीव के रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारत की तरफ से मालदीव को दिए गए हेलिकॉप्टर को ऑपरेट करने के लिए भारतीय नागरिकों एक समूह मालदीव आ रहा है. यह हेलिकॉप्टर भारत ने मालदीव को इमरजेंसी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दिया है. इस हेलिकॉप्टर के संचालन को बंद करने पर मालदीव के विपक्षी नेताओं ने पिछले दिनों मुइज्जू सरकार की जमकर खिंचाई की थी.
भारत के लिए मालदीव महत्वपूर्ण
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव में भारतीय नागरिकों की मौजूदगी अहम मानी जाती है, क्योंकि हिंद महासागर में स्थित मालदीव भारत के लिए रणनीतिक तौर पर काफी महत्व रखता है. इसलिए हिंद महासागर को कूटनीतिक तौर पर ‘भारत का बैकयार्ड’ कहा जाता है. मालदीव में मुइज्जू सरकार बनते ही भारत और मालदीव के रिश्ते खराब हो गए हैं, क्योंकि मुइज्जू को चीन समर्थक नेता के तौर पर देखा जाता है. मुइज्जू ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी मालदीव से भारतीय सैनिकों को बाहर करने का वादा किया था.
भारत ने मालदीव का बढ़ाया बजट
मालदीव सरकार के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय हेलिकॉप्टर को ऑपरेट करने के लिए भारतीय पायलट अड्डू शहर आएंगे. GAN हवाई अड्डे पर खड़े भारतीय हेलिकॉप्टर को अब भारतीय नागरिक उड़ाएंगे. दूसरी तरफ भारत ने मालदीव के लिए अपना बजट भी बढ़ाया है. साल 2024-25 के लिए भारत ने 6 अरब रुपये की राशि मालदीव के लिए आवंटित की थी, लेकिन बाद में बढ़ाकर इसे 7.8 अरब रुपये कर दिया गया.
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