नई दिल्ली (New Delhi) । मालदीव (maldives) ने गुरुवार को कहा कि भारत (India) के हेलिकॉप्टर (helicopter) और उसके क्रू पर उसका परिचालन अधिकार होगा. मालदीव के डिफेंस फोर्सेज (Defense Forces) के प्रमुख ने इसी के साथ ही यह भी कहा कि मालदीव से भारतीय सैनिकों (indian soldiers) की पूरी तरह से वापसी को लेकर बातचीत चल रही हैं.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) के योजना, नीति और संसाधन प्रबंधन के प्रधान निदेशक, कर्नल अहमद मुजुथाबा मोहम्मद ने कहा कि मालदीव से भारतीय सैनिकों को वापस लेने के लिए चर्चा चल रही है.
कर्नल मोहम्मद ने यह भी कहा कि अड्डू शहर में तैनात भारतीय हेलीकॉप्टर की फिलहाल मरम्मत चल रही है. उन्होंने कहा कि उस हेलिकॉप्टर की जगह दूसरे हेलिकॉप्टर के साथ 26 भारतीय सिविलियन आ गए हैं. उन्होंने कहा कि एमएनडीएफ के पास भारतीय नागरिकों और हेलीकॉप्टर से जुड़े वाहनों के परिचालन का अधिकार होगा.
’10 मई के बाद कोई भी विदेशी ताकत…’
मालदीव के सरकारी ब्रॉडकास्टर पीएसएम न्यूज के मुताबिक, कर्नल मोहम्मद ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार ने मालदीव में 10 मई के बाद किसी भी विदेशी सेना को तैनात रहने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है.
राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू सत्ता में आने के बाद से ही द्वीप देश में भारतीय सैनिकों की वापसी की बात कहते रहे हैं. भारत और मालदीव के बीच कई चरणों की बातचीत के बाद तय हुआ है कि 10 मई तक सभी भारतीय सैनिक द्वीप देश से वापस चले जाएंगे. हालांकि, मालदीव इस बात पर राजी हुआ है कि वो भारतीय हेलिकॉप्टर के संचालन के लिए भारत के टेक्निकल एक्सपर्ट्स को देश में रहने देगा.
पिछले हफ्ते भारत ने जानकारी दी थी कि टेक्निकल एक्सपर्ट्स की उसकी पहली सिविलियन टीम मालदीव पहुंच गई है. भारत की तरफ से कहा गया था कि अब यही टीम द्वीप देश में एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर को ऑपरेट करेगी.
29 फरवरी को साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, ‘एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर को ऑपरेट करने वाली पहली टेक्निकल टीम मालदीव पहुंच गई है. ये लोग वहां मौजूद सैनिकों की जगह लेंगे जो वर्तमान में हेलिकॉप्टर को ऑपरेट कर रहे हैं.’
मालदीव में भारत के दो HAL ध्रुव हेलिकॉप्टर और एक डॉर्नियर 228 मेरिटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट मौजूद है जिसके संचालन के लिए वहां भारतीय सेनाएं भेजी गई थीं जो अब वापस आ रही हैं.
हाई लेवल मीटिंग के बाद दोनों देशों के बीच बनी सहमति
मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी को लेकर दोनों पक्षों के बीच दूसरी हाई लेवल मीटिंग में सैनिकों की वापसी की बात तय हुई. सहमति के बाद मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत अपने सैनिकों को दो बार में मालदीव से निकालेगा.
सैनिकों की पहली खेप की वापसी 15 मार्च को होने वाली है और बाकी बचे सैनिक 10 मई तक भारत वापस आ जाएंगे.
चीन समर्थक मुइज्जू के आने से भारत के साथ खराब हुए मालदीव के रिश्ते
नवंबर के महीने में सत्ता में आने के बाद से मोहम्मद मुइज्जू ने चीन समर्थक रुख अपनाया और लगातार भारत विरोधी बयान दिए. वो ‘इंडिया आउट’ के नारे के साथ सत्ता में आए. चुनाव अभियान के दौरान उन्होंने कसम खाई थी कि वो मालदीव से भारतीय सैनिकों को वापस भेजकर ही दम लेंगे और अब वो वैसा ही कर रहे हैं.
मालदीव में दशकों से यह परंपरा चली आ रही है नवनिर्वाचित राष्ट्रपति अपने पहले विदेश दौरे में भारत की यात्रा करता है लेकिन मुइज्जू ने इस परंपरा को भी तोड़ दिया और वो पहले तुर्की और फिर चीन के दौरे पर गए.
हाल ही में ऐसी खबर आई कि मुइज्जू की सरकार ने इस हफ्ते चीन की सेना के साथ एक समझौता किया है जिसके तहत चीन नॉन लीथल (जो घातक नहीं हैं) हथियार मुफ्त में सप्लाई करेगा. मालदीव की स्थानीय मीडिया में मुइज्जू के हवाले से लिखा जा रहा है कि इसमें टियर गैस, पेपर स्प्रे जैसी चीजें शामिल होंगी.
मालदीव सरकार के अनुसार, 88 भारतीय सैनिक मालदीव में मौजूद हैं जिन्होंने सैकड़ों आपात चिकित्सा निकासी और मानवीय मिशनों को अंजाम दिया है. मालदीव से बहुत की जरूरी स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है जिसके चलते वहां के लोगों को एयर एंबुलेस से इलाज के लिए भारत जैसे देशों में जाना पड़ता है.
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