नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर (EAM Dr S Jaishankar) ने मालदीव में कहा कि पिछले कुछ समय में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और मालदीव के राष्ट्रपति सोलिह (Ibrahim Mohamed Solih) के नेतृत्व में भारत-मालदीव के साझेदारी ने वास्तव में अभूतपूर्व पैमाने पर एक गतिशीलता हासिल की है. उन्होंने ये बात मालदीव के एडु सिटी में राष्ट्रीय पुलिस और कानून प्रवर्तन कॉलेज के उद्घाटन के मौके पर कही है. विदेश मंत्री जयशंकर इस समय मालदीव की यात्रा पर हैं.
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा, यह एक ऐसी परियोजना है, जिसकी मैंने वर्षों से निगरानी की है. इस परिमाण की एक परियोजना को देखने के लिए जो हमारी विकास साझेदारी का वास्तविक प्रतीक है, इस भावना का वर्णन करना मुश्किल है. उन्होंने कहा, मालदीव की ‘इंडिया फर्स्ट’ की नीति और भारती की ‘पड़ोसी पहले’ की नीति केवल वाक्यांश नहीं हैं, बल्कि भारत-मालदीव संबंधों का आधार है.
वहीं मालदीव के विदेश मामलों के मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने कहा, हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए सहयोगात्मक प्रयास की आवश्यकता है. यह इस वास्तविकता के समर्थन में है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मालदीव और भारत के बीच सहयोग भी मजबूत हो रहा है. इससे पहले खबर आई थी कि भारत और मालदीव एक-दूसरे द्वारा जारी किए कोविड-19 रोधी वैक्सीन के प्रमाणपत्र को परस्पर मान्यता देने पर शनिवार को राजी हो गए हैं. इस कदम से दोनों देशों के बीच यात्रा आसान हो जाएगी और पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा.
यहां वार्ता के बाद मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान सफलता की कहानी लिखने के लिए मालदीव को बधाई दी. उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 प्रमाणपत्रों को आज परस्पर मान्यता देने से भारत और मालदीव के बीच यात्रा आसान हो जाएगी. भारत मालदीव के लिए पर्यटकों का शीर्ष स्रोत रहा है. आवश्यक सामान और माल की सुचारू आपूर्ति भी की गई है.’
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