img-fluid

आर्थिक मदद के नाम पर कर्ज में उलझा मालदीव, चीन के साथ किया नया समझौता

September 14, 2024

माले। चीन (China) के कर्जजाल में पहले से ही उलझे मालदीव (Maldives) ने बीजिंग (Beijing) के साथ एक नए समझौते (New agreements) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें मालदीव को और अधिक वित्तीय सहायता (More financial aid) देने पर सहमति बनी है। चीन के केंद्रीय बैंक के अनुसार, यह समझौता व्यापार और निवेश को मजबूत करने में मदद करेगा। चीन ने समझौते के बारे में और कुछ नहीं बताया है।

पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (People’s Bank of China) और मालदीव के आर्थिक विकास मंत्रालय के बीच हुआ समझौता बीजिंग तथा माले को प्रत्यक्ष निवेश को बढ़ावा देने और चालू खाता लेनदेन के स्थानीय मुद्रा निपटान की अनुमति देता है।


नए समझौते के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह मालदीव के बढ़ते कर्ज के बारे में उससे सक्रिय रूप से बातचीत कर रहा है और वित्तीय सहयोग बढ़ा रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, ‘चीन हमेशा की तरह अपनी क्षमता के अनुसार मालदीव के आर्थिक और सामाजिक विकास में सहायता और सहयोग करेगा।’

लगातार संकट में मालदीव की अर्थव्यवस्था
मालदीव इस समय भारी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। इसका बड़ा हिस्सा चीन से लिया गया है। चीन परस्त मोहम्मद मुइज्जू के आने के बाद मालदीव की अर्थव्यवस्था लगातार संकट में हैं। हाल के महीनों में यह चिंता बढ़ गई है कि नकदी की कमी से जूझ रहा मालदीव इस्लामिक संप्रभु कर्ज पर डिफाल्ट होने वाला पहला देश बन सकता है। हालांकि, मालदीव सरकार ने गुरुवार को प्रतिबद्धता जताई की वह अगले महीने 25 मिलियन डॉलर का भुगतान करने में विफल नहीं होगा।

1.3 अरब डॉलर का कर्ज
विश्व बैंक के अनुसार, मालदीव का सबसे बड़ा कर्जदाता चीन है। मालदीव के ऊपर बीजिंग का कर्ज बढ़कर 1.3 अरब डॉलर से अधिक हो गया है। चीन और सहायता देने के लिए मालदीव के साथ बातचीत कर रहा है। इस बीच चीन से मिलने वाला कोई भी कर्ज मालदीव पर बीजिंग के कर्ज जाल को और मजबूत करेगा।

मालदीव को चीन के करीब ले जा रहे
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की पार्टी ने इस साल अप्रैल में हुए संसदीय चुनावों में भारी जीत हासिल की थी। पद पर बैठने के बाद से ही मुइज्जू ने मालदीव में चीन परस्त नीतियों को लागू करना शुरू किया और अपने पारंपरिक साझेदार भारत से दूरी बनानी शुरू कर दी थी।

इस गहरी होती दोस्ती का भारत पर क्या असर
मालदीव में मुइज्जू की सरकार आने के बाद से भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आने की शुरुआत हो चुकी थी। मुइज्जू सरकार को भारत विरोधी रुख के लिए जाना जाता है। चीन और मालदीव की बीच बढ़ती इस दोस्ती भारत के लिए चिंता का विषय है क्योंकी श्रीलंका पहले ही चीन के जाल में फंस कर आर्थिक रूप से बर्बाद हो चुका है। भारत नहीं चाहेगा कि एक और देश चीन के लोन पर आर्थिक रूप से निर्भर हो।

भारत से रिश्ते सुधारने की कोशिश में लगे राष्ट्रपति
कर्ज संकट बढ़ने के बाद अब एक बार फिर से मोहम्मद मुइज्जू भारत से रिश्ते सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। इसी सिलसिले में वह जल्द ही भारत की पहली आधिकारिक यात्रा पर आने वाले हैं। इसके पहले के मालदीव के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद पहली यात्रा भारत की करते रहे हैं।

Share:

बचपन में आयुष्मान को अपशब्द कहने पर हुई थी जमकर पिटाई

Sat Sep 14 , 2024
मुंबई। बॉलीवुड एक्टर अपारशक्ति खुराना  (Aparshakti Khurana) इन दिनों अपनी हालिया रिलीज फिल्म ‘स्त्री 2’ (Stree 2) की सक्सेस को एंजॉय कर रहे हैं। इस फिल्म में राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर (Rajkumar Rao and Shraddha Kapoor) के साथ-साथ अपारशक्ति ने भी अपनी कॉमिक टाइमिंग और कॉमेडी से दर्शकों का दिल जीत लिया है। इस […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
शुक्रवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved