माले (Male) । मालदीव (maldives) से भारतीय सैनिकों (indian soldiers) की वापसी को लेकर नया दावा सामने आया है. मालदीव के विदेश मंत्रालय (foreign Ministry) ने शनिवार को कहा कि भारत (India) मई तक मालदीव से अपने सैनिक हटा लेगा. दोनों देश सैनिकों को पीछे हटाने पर राजी हैं. एक दिन पहले ही इस बात को लेकर दोनों देशों के बीच अहम बैठक हुई थी, जिसमें सैनिकों की वापसी का कोई न कोई रास्ता निकालने की बात कही गई थी. दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि मालदीव में तैनात लगभग 80 सैनिकों की जगह भारतीय सिविलियन ले लेंगे.
पिछले साल मोहम्मद मुइज्जू को मालदीव का राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया है. क्योंकि मोहम्मद मुइज्जू का झुकाव चीन की ओर है और वे “इंडिया फर्स्ट” की पुरानी नीति को खत्म करने के वादे के साथ सत्ता में आए हैं. उन्होंने भारत सरकार से मालदीव को दिए गए सैन्य उपकरणों की सहायता के लिए तैनात भारतीय सैनिकों को 15 मार्च तक वापस बुलाने के लिए कहा था. इसे लेकर शुक्रवार को दोनों देशों के अधिकारियों की अहम बैठक हुई थी.
पहला समूह 10 मार्च तक रवाना होगा
रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव के विदेश मंत्रालय ने इस बैठक में बनी सहमति का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय सैनिकों का पहला समूह 10 मार्च तक और बाकी 10 मई तक रवाना हो जाएगा. भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देश भारतीय विमानन प्लेटफार्मों के निरंतर संचालन के लिए सहमत हैं. हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने सेना की वापसी को लेकर किसी समय सीमा का उल्लेख नहीं किया है.
ये काम करते हैं भारतीय सैनिक
सरकार ने साफ कहा है कि वहां तैनात भारतीय सैनिक और चिकित्साकर्मी दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करते हैं. भारत ने मालदीव को दो हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान दिया है, जिनका उपयोग ज्यादातर समुद्री निगरानी, खोज और बचाव कार्यों और चिकित्सा निकासी के लिए किया जाता है. भारतीय सैनिक उन ऑपरेशनों का प्रबंधन करते हैं. मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अगली द्विपक्षीय बैठक फरवरी के आखिरी सप्ताह में माले में होगी.
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