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    Maldives: संसदीय चुनाव में मुइज्जू की पार्टी की बड़ी जीत, दो तिहाई बहुमत के करीब

  • April 22, 2024

    माले (Male)। मालदीव (Maldives) में रविवार को हुए संसदीय चुनाव (Parliamentary Elections) में चीन समर्थक (Pro-China) राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (President Mohammad Muizzu.) की पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) (People’s National Congress – PNC) ने करीब दो तिहाई बहुमत के साथ शानदार जीत हासिल की है. चुनाव परिणामों के मुताबिक, 93 सदस्यीय सदन के लिए हुए चुनावों में से 86 सीटों के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं. मुइज्जू की पार्टी ने 66 सीटें हासिल की हैं जबकि 6 सीटें निर्दलीय के खाते में गई हैं. शेष सात सीटों के नतीजे अभी घोषित नहीं हुए हैं. मुइज्जू की पीएनसी के पास पहले से ही बहुमत के 47 सीटों से 19 सीटें अधिक हैं।


    संसद में अभी तक सोलिह की विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के पास 44 सांसदों के साथ बहुमत था. संसद में बहुमत नहीं होने के कारण मुइज्जू के लिए नए कानून बनाने में दिक्कतें पेश आ रही थीं. ऐसे में उनके लिए यह चुनाव जीतना बेहद अहम हो गया था।

    भारत के लिए झटका है
    मुइज्जू की पार्टी की भारी जीत भारत के लिए भी एक झटका है, जिका मतलब है कि लोग किसी अन्य क्षेत्रीय ताकत भारत के बजाय चीन की ओर राष्ट्रपति के राजनीतिक झुकाव का समर्थन कर रहे हैं. राष्ट्रपति मुइज्जू को पिछले सितंबर में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के प्रॉक्सी के रूप में चुना गया था. उन्होंने अपने चुनाव के दौरान देश की “इंडिया फर्स्ट” नीति को खत्म करने का वादा किया था।

    भारत को उम्मीद थी कि मुख्य विपक्षी और भारत समर्थक पार्टी – मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) – बहुमत हासिल करेगी. अगर ऐसा होता तो वह पार्टी कार्यकारी शक्ति की प्रभावी विधायी निगरानी कर सकती थी. मालदीव संविधान के तहत संसद के सभी निर्णयों और सरकार द्वारा प्रस्‍तावित विधेयकों को संसदीय बहुमत से पारित कराना आवश्‍यक होता है. अब जब मुइज्जू की पार्टी को बहुमत मिल गया है तो वह अपने हिसाब से देश की नीतियां और कानून बना सकते हैं, क्योंकि उन्हें संसद से पारित कराना आसान होगा।

    संसद और राष्ट्रपति चुनाव में अंतर
    आपको बता दें कि मालदीव में राष्ट्रपति का चुनाव सीधे जनता के मतों से तय होता है और राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच साल होता है. पिछले साल मुइज्जू ने राष्ट्रपति चुनाव में अपने विरोधी मोहम्मद सोलिह को हराया था. वहीं रविवार को जो मतदान हुआ वह मजलिस यानि संसद के लिए हुआ, इसकी वोटिंग के जरिए लोग पांच साल के सांसद चुनते हैं. जिस पार्टी का संसद में बहुमत होता है उसके लिए नए कानून बनाना आसान होता है।

    यामीन पिछले हफ्ते हुए थे रिहा
    एक अन्य चीन समर्थक नेता अब्दुल्ला यामीन को पिछले सप्ताह एक अदालत द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप में उनकी 11 साल की सजा रद्द करने के बाद रिहा कर दिया गया था. राष्ट्रपति मुइज्जू ने माले में अपना वोट डालने के बाद कहा था, “सभी नागरिकों को जल्द से जल्द बाहर आना चाहिए और अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करना चाहिए।

    रविवार के मतदान से मुइज्जू के राष्ट्रपति पद पर कोई असर नहीं पड़ेगा. इस बीच, मुख्य विपक्षी दल, मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) को भारी हार का सामना करना पड़ रहा था और उसकी झोली में केवल एक दर्जन सीटें आई हैं।

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