नई दिल्ली: मालदीव (Maldives) ने फिलिस्तीन के समर्थन में इजराइली नागरिकों और इजरायली पासपोर्ट (Israeli citizens and Israeli passports) के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. मालदीव कैबिनेट ने इस संबंध में निर्णय किया. मालदीव कैबिनेट ने इस बाबत इजराइली पासपोर्ट धारकों को मालदीव में प्रवेश करने से रोकने के लिए आवश्यक कानूनों में संशोधन किया. इस निर्णय की घोषणा रविवार दोपहर राष्ट्रपति कार्यालय में आयोजित एक समाचार सम्मेलन में गृह सुरक्षा और प्रौद्योगिकी मंत्री अली इहसान ने की.
कैबिनेट की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति डॉ मोहम्मद मुइज्जू ने इजराइली पासपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है. कैबिनेट के निर्णय में इजराइली पासपोर्ट धारकों को मालदीव में प्रवेश करने से रोकने के लिए आवश्यक कानूनों में संशोधन करना और इन प्रयासों की निगरानी के लिए एक कैबिनेट उपसमिति की स्थापना करना शामिल है. इसके अतिरिक्त, फिलिस्तीन और इजराइल के मामले में राष्ट्रपति ने फिलिस्तीनी जरूरतों का आकलन करने के लिए एक विशेष दूत नियुक्त करने का फैसला किया.
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने पूर्व में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी की मदद की है. फिलिस्तीन में लोगों की सहायता के लिए एक धन उगाही अभियान शुरू करने का निर्णय किया है. इसके अतिरिक्त मालदीव में एक राष्ट्रव्यापी रैली आयोजित करने का निर्णय लिया. बयान में कहा गया है कि उनका उद्देश्य फिलिस्तीन के साथ एकजुटता दिखाना है. बता दें कि इजराइल और हमास के बीच युद्ध चल रहा है. इजराइल अब इजिप्ट से सटी सीमा पर राफा में लगातार हमला कर रहहा है.पश्चिमी तट पर हिंसा लगातार बढ़ रही है, ऐसे में फिलिस्तीनी लोगों के लिए अपना खुद का राज्य पाने की संभावना पहले से कहीं अधिक दूर दिखाई दे रही है.
कई यूरोपीय देश फिलिस्तीनी राज्य के अस्तित्व को औपचारिक रूप से मान्यता देना शुरू कर दिया है. पिछले सप्ताह आयरलैंड, स्पेन और नॉर्वे द्वारा मान्यता देने के बाद यूरोप के अन्य देशों – जिनमें यूके, फ्रांस और जर्मनी शामिल हैं – पर फिलिस्तीनी आत्मनिर्णय का समर्थन करने के लिए उनका अनुसरण करने का दबाव पड़ गया है. संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी राफा में हमले को लेकर चिंता जताई है. अब मालदीव ने एक कड़ा कदम उठाते हुए इजराइल के लोगों की एंट्री पर बैन लगा दिया है.
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