इस्लामाबाद ।मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में पट्टे की रकम को लेकर हुए विवाद में पाकिस्तान की शानदार बेइज्जती हुई है। उसने जब्त किए गए अपने विमान के एवज में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआइए) ने आयरिश जेट कंपनी को 70 लाख डॉलर (51 करोड़ भारतीय रुपये) की रकम चुका दी है। पीआइए ने यह जानकारी लंदन हाईकोर्ट को दी है।
लंदन हाईकोर्ट को दी जानकारी
दुनिया टीवी की रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि पीआईए ने लंदन उच्च न्यायालय को बताया कि उसने पट्टे पर लिए गए दो विमानों के मामले में पेरेग्रीन एविएशन चार्ली लिमिटेड को करीब 70 लाख अमेरिकी डॉलर की रकम चुकाई है। दोनों पक्षों के वकीलों ने कोर्ट में इस आशय का पत्र दिया कि भविष्य में समझौते की शर्त के मुताबिक बाकी रकम चुकाई जाएगी।
पाक के रवैये के चलते किया था केस
दरअसल विमानों के पट्टे की रकम का भुगतान नहीं करने के मामले में स्थानीय अदालत के आदेश के बाद मलेशियाई अधिकारियों ने पिछले हफ्ते क्वालालंपुर हवाईअड्डे पर पीआईए के बोइंग-777 विमान को जब्त कर लिया था। समझौते के मुताबिक पीआइए को हर महीने 5,80,000 डॉलर चुकाने थे लेकिन उसने नहीं चुकाए। इसी के कारण विमान की स्वामी कंपनी को अक्टूबर 2020 में मुकदमा शुरू करना पड़ा।
पीआईए की गतिविधियों पर पहले से थी नजर
सूत्रों की मानें तो पट्टे पर विमान देने वाली कंपनी पाकिस्तान की ओर से रकम नहीं चुकाने से परेशान थी। वह लगातार पीआईए की गतिविधियों पर नजर रख रही थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसे ही उसे यह जानकारी मिली कि उड़ान संख्या- 895 के मलेशिया में हवाईअड्डे पर उतरने का कार्यक्रम है उसने अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन पट्टा कानून के तहत स्थानीय अदालत में विमान को जब्त करने के लिए गुहार लगाई।
दुनियाभर में हुई पाक की किरकिरी
पाकिस्तान की इस हरकत को लेकर कंपनी की गुहार पर आखिरकार लंदन हाईकोर्ट को आदेश जारी करना पड़ा। आदेश के बाद पाकिस्तान के बोइंग-777 विमान को जब्त कर लिया गया। मलेशिया को पाकिस्तान का मित्र राष्ट्र माना जाता है लेकिन तंगहाली में मित्र देश की इस हरकत से पाकिस्तान की दुनिया भर में किरकिरी हुई थी।
पीआइए ने भुगतान रुकने के पीछे कारण बताया है कि कोरोना संक्रमण के चलते पूरी दुनिया का उड्डयन क्षेत्र प्रभावित हुआ। इसके कारण विमान नहीं उड़ पाए और एयरलाइंस को तंगी का सामना करना पड़ा। इसके कारण भुगतान लंबित हुआ। भविष्य में निर्धारित शर्तों के मुताबिक कंपनी को भुगतान किया जाएगा।
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